राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गॉय सोरमन ने आज कहा कि भारत सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला एक स्मार्ट राजनीतिक कदम है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए एक दिन के बैन के आदेश को स्थगित कर दिया है। इससे पहले सोमवार को चैनल ने केंद्र सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई के लिए अदालत ने मंगलवार का दिन तय किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा की वकालत करने के बीच कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हर साल चुनाव पर होने वाले खर्च को कम करने और सरकारी फैसलों के आचार संहिता से प्रभावित होने से बचा जा सकेगा जबकि कुछ का कहना है कि इसमें संघीय लोकतंत्र बनाए रखना और दलीय लोकतंत्र की खामियां एक बड़ी चुनौती है।
इस बार दर्शकों के सामने दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं। दोनों चर्चित और बड़ी फिल्में हैं। लेकिन यदि दर्शकों जो भी फिल्म देख लें या तो वे कुएं में गिरेंगे या खाई में। अजय देवगन और करण जौहर दोनों ही ने अपनी कमजोर निर्देशकीय पारी खेली है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
समान नागरिक संहिता के विवादास्पद मुद्दे पर विचार विमर्श के दायरे का विस्तार करते हुए विधि आयोग ने सभी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से अपनी राय साझा करने का आह्वान किया है। साथ ही आयोग ने इस विषय पर संवाद के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को निमंत्रित करने की योजना भी बनाई है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के कामकाज की आलोचना करके चर्चा में आए गुंडरदेही के विधायक आरके राय अब पूरी तरह खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि पार्टी आलाकमान मुझे निकाल दे इसका मुझे डर नहीं लेकिन मैं गधे को घोड़ा कभी नहीं कहूंगा।
भारतीय बैंक दोधारी तलवार पर चल रहे हैं। कर्ज दिए बिना न वे सफल हो सकते हैं और न ही बड़े पैमाने पर उद्योग-व्यापार बढ़ सकते हैं। दूसरी तरफ कर्ज लेकर करोड़ों रुपया हजम कर जाने पर उनकी जिम्मेदारी भी फिक्स हो रही है।