संसद का मानसून सत्र चलने के लिए भले ही सरकार विपक्ष को दोषी ठहरा रही हो लेकिन बिहार के भाजपा सांसदों को निर्दश दिया गया कि पहले क्षेत्र को संभालिए। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह सभाओं का आयोजन किया जा रहा है और इसके लिए सांसदों का रहना जरूरी है। ऐसे में पार्टी की ओर से यह निर्देश मिला है कि सांसद पहले क्षेत्र संभालें संसद तो ऐसे ही चलती रहेगी।
पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में भारी वर्षा के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शनिवार सुबह से यहां पर सड़क से लेकर रेल तक सारी यातायात व्यवस्था ठप है और अधिकांश इलाके बाढ़ की समस्या से ग्रस्त हैं।
वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों से जुड़े नरोदा पटिया मामले में आज एक नया मोड़ आया। मामले में अपील की सुनवाई कर रही गुजरात हाईकोर्ट की दो सदस्य बैंच के जजों ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। जजों ने कहा है कि आरोपियों में से कुछ ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी।
सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन इससे मानसून के आगे बढ़ने की गति प्रभावित हो सकती है।
विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
वर्ष 2014-15 की आखिरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 7.3 फीसदी रही है। जबकि इससे पहले साल संशोधित विकास दर 6.9 फीसदी रही थी।
न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन के लिए नए सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक प्रस्तावित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?