सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों को रक्षा, गृह, विदेश, वित्त मंत्रालय के बाद अब संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में भी जाने पर मौखिक आदेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया गया है। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी इन मंत्रालयों में जाने पर सुरक्षाकर्मी तभी अंदर जाने देते हैं जब अधिकारी चाहें।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राज्यसभा में कहा कि उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज दिलाने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार एवं तथ्यहीन हैं। लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर सकीं और उपसभापति पीजे कुरियन ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
देश के पहले सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से गायब होने से जुड़े दस्तावेज हैं ही नहीं। उन्हें या तो चूहें कुतर गए या वे गुम हो गए।
दिल्ली की तरह यूपी में भी राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने राज्यपाल राम नाईक पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह आए दिन गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं और भाजपा के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।
किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के एक जवाब ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कृषि मंत्री की मानें तो हर साल हजारों किसान प्रेम संबंध और नामर्दी जैसी वजहों से खुदकुशी कर रहे हैं।
जैसा कि उम्मीद थी संसद के मानसून सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। विपक्ष ललितगेट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा। कांग्रेसी सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी जबकि राज्य सभा सुबह से तीन बार स्थगित हो चुकी है।