एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव कुशाल दास ने टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। पटेल ने कहा, "सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को बधाई। जिस तरह से लड़कों ने खेल दिखाया है वह साफ संकेत है कि युवा विकास कार्यक्रम कैसे उनके खेल में निखार ला सकता है।"
ईरानी में राष्ट्रपति हसन रूहानी के नये कार्यकाल के शुरू होते ही उनकी आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। उनके ऊपर रूढ़िवादियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं। 68 वर्षीय धार्मिक नेता रूहानी को उदारवादी माना जाता है।
जरी की सिल्क साड़ी, बालों में गजरा, कानों में झुमके के साथ सोहा अली खान अपनी पहली गोद भराई के लिए तैयार थीं। पति कुणाल खेमू के साथ छोटे से फंक्शन में लिए गए फोटो सोहा ने ट्वीट किए।
गजल की आवाज’ कहे जाने वाले मेंहदी हसन क स्वर यों तो पांच साल पहले ही थम गई थी, लेकिन वह आज भी उनके चहेतों के दिलों में गूंजती है। अब उनकी गौरवमयी यादगार को आकार देने के लिए पाकिस्तान में एक विशाल मकबरा तामीर करने में उनका बेटे ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
साउथ फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता और निर्माता कमल हासन ने एक ओर जहां एक भारत, एक कर (जीएसटी) का समर्थन किया है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल फिल्मी बिजनेस को बरबाद कर देगा। इस पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगे।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक रुहानी को चार साल के लिए राष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने इब्राहिम रईसी को चुनाव में करारी मात दी है।
बीते कई महीनों से ट्रिपल तलाक का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। हाल में वॉट्सऐप, पत्र और टेलीफोन के माध्यम से दिए गए तलाक के बाद बॉलीवुड के 'नवाब' यानि सैफ अली खान इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठ पाए। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह इस प्रथा से बिल्कुल भी सहमत नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इराक में सैनिकों को भेजने और फिर उन्हें वापस बुलाने के अपने पूर्ववर्ती फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने इस युद्धग्रस्त देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।