
चर्चाः मथुरा में राष्ट्रद्रोह का आतंक। आलोक मेहता
यह छत्तीसगढ़-झारखंड-आंध्र जैसे प्रदेशों के घने जंगलों वाला आदिवासी क्षेत्र नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्र नहीं है, जहां आतंकवादियों की घुसपैठ हो सकती है। यह तो राजधानी दिल्ली से डेढ़ घंटे में पहुंच सकने वाली ऐतिहासिक सांस्कृतिक मथुरा नगरी है, जहां लगभग दो वर्षों से भारतीय संविधान के तहत बने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को हटाने और अपनी करेंसी का विद्रोही अभियान चलाने वाले सिरफिरे गिरोह ने दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर रखा था।