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अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

अब राज्‍यों में लड़ेंगे भूमि अधिग्रहण की लड़ाई: राहुल गांधी

भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर सरकार को झुकाने की विजय के तौर पर आयोजित किसान रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि मोदी अब राज्‍यों के जरिये भूमि अध्‍यादेश को लागू कराना चाहते हैं इसलिए अब यह लड़ाई अब राज्‍यों में लड़ी जाएगी। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार पर खूब हमला बोला।
भू अधिग्रहण पर सरकार का यू टर्न, कांग्रेस और किसानों की जीत : राहुल

भू अधिग्रहण पर सरकार का यू टर्न, कांग्रेस और किसानों की जीत : राहुल

भूमि अधिग्रहण कानून पर सरकार के पिछे हटने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस समेत किसानों की जीत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों और मजदूरों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
सोनिया रहेंगी अध्यक्ष, राहुल को एक साल बाद मौका

सोनिया रहेंगी अध्यक्ष, राहुल को एक साल बाद मौका

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए अभी एक साल का और इंतजार करना होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। मंगलवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में यह भी फैसला किया गया कि पार्टी के 50 प्रतिशत पद अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के अलावा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
स्‍वाभिमान रैली में निशाने पर रही मोदी की 'शोबाजी'

स्‍वाभिमान रैली में निशाने पर रही मोदी की 'शोबाजी'

पटना के गांधी मैदान में आज जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन की एक बड़ी रैली हुई। इस मौके पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और शिवपाल यादव ने मोदी सरकार की शोबाजी और बयानबाजी पर जमकर प्रहार किए।
राहुल गांधी की सक्रियता नेतृत्व परिवर्तन की आहट

राहुल गांधी की सक्रियता नेतृत्व परिवर्तन की आहट

संसद सत्र के दौरान सुबह ठीक साढे 10.30 बजे। कांग्रेस के युवा सांसदों की एक टीम पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलती है और यह तय किया जाता है कि आज सरकार का विरोध किस तरीके से करना है, कब तक करना है और किस हद तक जाना है। यह कोई एक दिन की रणनीति नहीं होती थी बल्कि हर दिन सत्र से पहले कांग्रेस के युवा सांसदों की टीम राहुल के इंतजार में रहती थी और इशारा मिलने पर पूरी मुस्तैदी के साथ सरकार के विरोध में उतर आती।
एयरपोर्ट पर मिली छूट खत्‍म करने का वाड्रा ने किया स्‍वागत

एयरपोर्ट पर मिली छूट खत्‍म करने का वाड्रा ने किया स्‍वागत

केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राॅबर्ट वाड्रा को हवाई अड्डों पर तलाशी से मिली छूट का विशेषाधिकार वापस लेने का निर्णय किया है। सरकार के इस फैसले के तुरंत बाद वाड्रा ने इसका स्वागत हुए कहा कि वह तो काफी लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वह कोई वीआईपी नहीं हैं।
सोनिया का सुषमा को करारा जवाब, बताया नाटकबाज

सोनिया का सुषमा को करारा जवाब, बताया नाटकबाज

लोकसभा में गुरुवार को सुषमा के भावनात्मक बयान को सोनिया ने नाटक करार दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं उस महिला की मदद की अपनी ओर से पूरी कोशिश करती लेकिन मैं नियम तोड़कर ऐसा नहीं करती।
मेरी जगह सोनिया होतीं तो क्या करतीं: सुषमा

मेरी जगह सोनिया होतीं तो क्या करतीं: सुषमा

सुषमा ने कहा कि ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ कोई केस नहीं है और उन्होंने कोई चोरी नहीं की है। मैंने यात्रा के दस्तावेज के लिए सिफारिश की थी। मैंने मानवीय आधार पर संदेश ब्रिटिश सरकार तक पहुंचाया, अगर मेरी जगह सोनिया जी होतीं तो क्या करतीं।
सोनिया ने नगा समझौते पर सरकार को बताया अहंकारी

सोनिया ने नगा समझौते पर सरकार को बताया अहंकारी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नगा शांति समझौते पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों के साथ इस विषय पर विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के अहंकार को दर्शाता है। मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की आवाज दबाई जा रही है। पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों में कांग्रेस का शासन है।
नगा समझौते से आगे की चुनौतियां

नगा समझौते से आगे की चुनौतियां

नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आई एम) के साथ शांति समझौता अशांत उत्तर पूर्व के, खासकर मणिपुर के टंखुल नगा बहुल इलाके में जहां उपरोक्त गुट का आधार है, एक हिस्से में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके बाद अभी बहुत-सी जटिलताएं और चुनौतियां बाकी हैं। एनएससीएन (आईएम) का जनाधार नगालैंड के पड़ाेसी राज्यों में ज्यादा होने की वजह से असम और मणिपुर के एक तबके में यह आशंका बलवती हो रही है कि उनके राज्य के नगा बहुल इलाकों की बाबत किस कीमत पर फैसला हुआ है।
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