भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय का कोलेजियम पुनरीक्षित प्रक्रिया-पत्रा (मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर) पर सरकार को अगले हफ्ते तक अपना जवाब देगा। प्रक्रिया-पत्र एक ऐसा दस्तावेज है जो उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामलों में मार्गदर्शन करता है।
एक साथ तीन बार तलाक कह कर तलाक देने और बहुविवाह पर रोक लगाने की बहस के बीच देश के कई मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत ने इसमें सुधार के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलेमाओं से पहल करने की अपील की है। हालांकि मुशावरत ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें सरकार और अदालतों का कोई दखल नहीं होना चाहिए।
भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी चीन यात्रा के दौरान आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में चीन के वीटो का मुद्दा जोर-शोर से उठाया हो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मंगलवार से शुरू हुई अपनी चीन यात्रा में इस मुद्दे का उठाने वाले हों मगर चीन ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र से अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के प्रयास को रोकने का उसका फैसला तथ्यों और संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप है।
सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करवाने के भारत के प्रयास को चीन की ओर से बाधित किए जाने का मुद्दा आज अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष पुरजोर ढंग से उठाया। सुषमा ने रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक से इतर वांग के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठाया।
अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने शरई कानूनों में अदालतों के जरिये दखलंदाजी पर आपत्ति दर्ज कराने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला करते हुए कहा कि ऐसा कहने वालों को शरीयत कानून से चलने वाले देश चले जाना चाहिए।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल दो दिन की ईरान यात्रा पर रवाना होंगी। उनकी इस यात्रा का मकसद तेल एवं व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में ईरान के साथ सहयोग बढ़ाना है। सामरिक तौर पर काफी अहम माने जाने वाला ईरान एक ऐतिहासिक परमाणु करार के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के खत्म होने के बाद अब पहले की तरह कारोबार बहाल करने के लिए तैयार है।