लंबे अर्से के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षक एवं धर्म-जाति के आधार पर अत्याचार कर रहे कट्टरपंथियों को कड़ी फटकार लगाई। इससे असामाजिक और आपराधिक तत्वों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों की सरकारी मशीनरी को अधिक सक्रियता से कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाय पर बोले। अपने टाउनहॉल कार्यक्रम में डेढ़ घंटे के संबोधन के आखिरी वक्त में उन्होंने गाय पर चुप्पी तोड़ी। गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की बात कही लेकिन हिंदू महासभा पीएम के बयान के खिलाफ खड़ी हो गई है।
मध्यप्रदेश में भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी में छात्राओं ने शुक्रवार को ड्रेस कोड और हॉस्टल की टााइमिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया। छात्राओं को उनके लिए बनाए गए ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग से दिक्कत हो रही है।
भाजपा के सांसद उदित राज को सलाह देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा है कि उन्हें और अन्य दलित सांसदों को दलित समुदाय पर देशभर में हो रहे अत्याचार के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल उदित राज ने हिंदू धर्म के कथित ठेकेदारों की आलोचना की थी।
एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने 24 हफ्ते की एक गर्भवती महिला को गर्भपात कराने की इजाजत दी। महिला बलात्कार पीड़िता है और असामान्य भ्रूण के कारण उसने अदालत से गर्भपात कराने की इजाजत मांगी थी।
घाटी में जारी हिंसा और तनाव के हालात के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्कूल और कॉलेजों की छुट्टियां एक सप्ताह और बढ़ा दी है। वहीं स्थानीय अखबारों के दफ्तरों पर पुलिस कार्वाई के विरोध में रविवार को भी कोई अखबार नहीं छपा।
राजस्थान में भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल एक भी दिन कॉलेज जाए बिना एलएलबी के फर्स्ट और सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे डाली। सत्ता पक्ष की विधायक होने की वजह से उन्हें कोर्इ ऐसा करने से रोक भी नहीं पाया। माइग्रेशन न होने के कारण हालांकि फर्स्ट सेमेस्टर का उनका परिणाम जरूर रोक दिया गया है।
भारत सरकार ने अपने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को नया उपहार दिया है। आपसी संबंध सुधारने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम हो सकता है। भारत ने इन देशों के अल्पसंख्यकों को वीजा की शर्तों में ढील दी है।
यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।