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देश का नक्‍शा गलत दिखाया तो सात साल की जेल और 100 करोड़ का जुर्माना

देश का नक्‍शा गलत दिखाया तो सात साल की जेल और 100 करोड़ का जुर्माना

गलत नक्‍शा दिखाने वाले हो जाएं सावधान, अगर आप देश का गलत नक्शा दिखाएंगे तो आपको सात साल तक की जेल हो सकती है। 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।
अपने क्षेत्रीय कार्यालय बंद करेगा एफएसएसएआई

अपने क्षेत्रीय कार्यालय बंद करेगा एफएसएसएआई

खाद्य सुरक्षा तंत्र मजबूत करने की महात्वाकांक्षी योजना को भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार ने चुपके से ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
दिल्‍ली में डेंगू केस 2000 पार, स्‍थानीय निकायों की पोल खुली

दिल्‍ली में डेंगू केस 2000 पार, स्‍थानीय निकायों की पोल खुली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, नगर निकायों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का मानना है कि मच्छर जनित बीमारी से निपटने में स्‍थानीय नगर निगमों की लचर तैयारियाें की पोल खोल खुल गई है। दिल्ली में डेंगू के कुल मामले 2000 की संख्या को पार कर ग हैं। सितंबर में ही 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
नया हो गया 2000 साल पुराना अशोक स्तूप

नया हो गया 2000 साल पुराना अशोक स्तूप

तिब्बती शहर नांगचेन में एक भारतीय भिक्षु ने 2000 साल पुराने एक स्तूप का जीर्णोद्धार कराया और धार्मिक अनुष्ठान के साथ इसे प्रतिष्ठित किया है। यह स्तूप भगवान बुद्ध की निशानी के रूप में बनाए गए 19 स्तूपों में से एक है जिन्हें सम्राट अशोक ने चीन भेजा था। यह स्तूप भारत से बौद्ध धर्म के चीन आगमन का प्रतीक है।
किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

हमारी सरकार यह कहकर जनता का समर्थन जुटा रही है कि नया किशोर न्याय विधेयक 16 से 18 साल के उन बच्चों के लिए है जो वयस्कों की तरह जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं लेकिन इसमें उसी पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया है जिसके लिए यह विधेयक बनाने का सुझाव दिया गया था।
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