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दुष्कर्म की धमकी: महिला आयोग में  गुरमेहर, रिजिजू बोले उसके दिमाग में कोई जहर भर रहा

दुष्कर्म की धमकी: महिला आयोग में गुरमेहर, रिजिजू बोले उसके दिमाग में कोई जहर भर रहा

करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर का दावा है कि राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्रा इकाई के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ने पर उसे कथित तौर पर एबीवीपी सदस्यों से दुष्कर्म की धमकी मिल रही है। इस मामले में गुरमेहर ने सोमवार को दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने गुरमेहर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कोई गुरमेहर के दिमाग में जहर भर रहा है। जबकि केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया का कोई भी प्रजातंत्र देश की संप्रभुता पर चोट की इजाजत नहीं देता।
पुणे विश्वविद्यालय में भी एबीवीपी की गुंडागर्दी

पुणे विश्वविद्यालय में भी एबीवीपी की गुंडागर्दी

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (आइसा) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद पूरे परिसर में तनाव है। हाल ही में दिल्ली के रामजस कॉलेज में भी एबीवीपी और आइसा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी जिसकी वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय में भी तनाव है।
जेएनयू से संकट के बादल छंट नहीं रहे

जेएनयू से संकट के बादल छंट नहीं रहे

देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक वाकये से जेएनयू प्रशासन भी त्रस्त हो गया है। एक साल पहले यहां के छात्र नेता ने देश विरोधी नारे लगाए ऐसी खबरों के बीच अब एक और छात्र नजीब के लापता होने से विश्वविद्यालय फिर गलत कारणों से खबरों में आ गया है।
जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

जेएनयू में लेफ्ट ही करेगा राज

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट मोर्चे ने अपना परचम लहराते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर लिया है। अध्यक्ष पद पर मोहित कुमार पांडेय, वाइस प्रेजिडेंट पद पर अमल पीपी, तबरेज हसन जॉइंट सेक्रटरी और सतरूपा चक्रवर्ती को जनरल सेक्रटरी पद पर जीत मिली है।
डूसू चुनाव: एबीवीपी ने तीन सीटें जीतीं, एनएसयूआई ने वापसी की

डूसू चुनाव: एबीवीपी ने तीन सीटें जीतीं, एनएसयूआई ने वापसी की

आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने डूसू चुनाव में अपना वर्चस्व बरकरार रखते हुए अध्यक्ष सहित तीन सीटें जीत लीं जबकि कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई ने वापसी करते हुए संयुक्त सचिव का पद अपने नाम किया।
अभाविप के जेएनयू इकाई उपाध्यक्ष का इस्तीफा

अभाविप के जेएनयू इकाई उपाध्यक्ष का इस्तीफा

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र चुनाव से ऐन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को बड़ा झटका लगा है। जेएनयू इकाई के उपाध्यक्ष जतिन गोराया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गोराया का आरोप है कि वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दलितों के खिलाफ हमलों से उकता चुके हैं।
‘पाकिस्तान नरक नहीं’ कहना अभिनेत्रा राम्या को पड़ा भारी, देशद्रोह का मामला दर्ज

‘पाकिस्तान नरक नहीं’ कहना अभिनेत्रा राम्या को पड़ा भारी, देशद्रोह का मामला दर्ज

‘पाकिस्तान नरक नहीं है’ और ‘वहां के लोग भी हमारी ही तरह हैं’ जैसी टिप्पणी करने पर अभिनेत्री से नेता बनी राम्या विवादों में फंस गई हैं। कर्नाटक की एक अदालत में अर्जी देकर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि राम्या की टिप्पणी से भारतीय देशभक्तों का अपमान हुआ है। हालांकि राम्या ने कहा है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है इसलिए वह कतई माफी नहीं मांगेगीं।
सूचना-प्रसारण मंत्री जेटली ने 90 के दशक से नहीं देखी कोई फिल्म

सूचना-प्रसारण मंत्री जेटली ने 90 के दशक से नहीं देखी कोई फिल्म

देश के विभाजन के दर्द के बीच बड़े हुए भाजपा नेता अरुण जेटली राजनीति के बड़े मुकाम पर हैं। पीएम नरेंंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर पर राजनाथ सिंह के साथ प्रतिष्ठित तथाा वित्‍त, कारपोरेट मामले और सूचना प्रसारण मंत्रालय की बागडोर संभाल रहे जेटली का राजनीतिक सफर 70 के दशक में अखिल भारतीय विद़यार्थी परिषद से शुरु हुआ। आज भले ही अरुण जेटली सूचना एवं प्रसारण मंत्री का काम भी संभाल रहे हों मगर 90 के दशक से अबतक उन्होंने शायद कोई फिल्म नहीं देखी है।
अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मिली सफलता से उत्साहित होते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।
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