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कृषि मंत्री राधामोहन सिं‍ह बोले, इस साल खाद्यान्न उत्पादन पर बनेगा रिकार्ड

कृषि मंत्री राधामोहन सिं‍ह बोले, इस साल खाद्यान्न उत्पादन पर बनेगा रिकार्ड

लगातार दो साल सूखे के बाद इस बार बेहतर बारिश के चलते देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड पैमाने को छू सकता है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यह उम्मीद जताई है। वह नई दिल्‍ली में रबी फसल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में राज्यों के कृषि अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
जरूरी है खेती और उद्योग

जरूरी है खेती और उद्योग

ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के ‌लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
अच्छा मानसून होने पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा भारत : वित्त मंत्री

अच्छा मानसून होने पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा भारत : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, भारत, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान साकार होने पर और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगा।
दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्‍त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्‍वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्‍य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
व्यापार की राह पर खेती

व्यापार की राह पर खेती

विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्‍मीद जताई है।
मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्‍न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्‍तूर जारी है।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?