देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।
बिहार में चंपारण से चुनावी बिगुल फूंक राहुल गांधी ने सूट-बूट की सरकार पर साधा निशाना और केंद्र की सरकार को लूट की सरकार कहा। चंपारण में युवाओं को रोजगार के लिए चार लाख रुपये देने का भी वादा किया।
कवि-कहानीकारों के लिए वैसे तो हर दिन हिंदी का दिन होता है। लेकिन साल में एक दिन खास मनाया जाता है जो हिंदी के लिए कोने-कोने में प्रयासरत लोगों को एक मंच पर जुटा लाता है।
अभिनेता अरुण गोविल भारत के टीवी जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं। लगभग 25 साल पहले रामायण में निभाए गए भगवान राम के किरदार के लिए पूरा देश उन्हें आज भी याद करता है। गोविल इस समय टीवी पर बहुत कम सक्रिय हैं। हाल ही में वे डीडी किसान चैनल से जुड़े हैं। और अब भाजपा से जुड़ने की खबरों से चर्चा में हैं।
कई दिनों चले विवाद के बाद आईआईटी-मद्रास ने अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल की मान्यता फिर से बहाल कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना को लेकर इस छात्र संगठन के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। लेकिन मामला तूल पकड़ता देख संस्थान को अपना फैसला बदलना पड़ा।
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।
जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।