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समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

समीक्षा – बॉलीवुड डायरीज

सफलता की मिसालें होती हैं और असफलता की कहानियां। इन कहानियों से कभी जोश आता है तो कभी निराशा। के डी सत्यम ने अपने निर्देशन में बॉलीवुड डायरीज में ऐसी ही तीन कहानी नहीं तीन दीवानों को जगह दी है।
सत्यजीत के फेलूदा फिर परदे पर

सत्यजीत के फेलूदा फिर परदे पर

सत्यजीत रे ने एक काल्पनिक जासूस चरित्र गढ़ा था, फेलूदा। फेलूदा इतना मशहूर हुए कि सभी को इसका इंतजार रहने लगा। यही फेलूदा नए साल में दर्शकों से मिलने आ रहे हैं।
महात्मा गांधी की परपोती पर जालसाजी का आरोप

महात्मा गांधी की परपोती पर जालसाजी का आरोप

महात्मा गांधी की 45 वर्षीय परपोती पर दक्षिण अफ्रीका में दो कारोबारियों से 830,000 डालर से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। चोरी, जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में आशीष लता रामगोबिन सोमवार को डरबन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुई।
रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
मेरी कॉम पर एनिमेटेड  टीवी सिरीज

मेरी कॉम पर एनिमेटेड टीवी सिरीज

ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता बॉक्सर मेरी कॉम भारत की पहली गर्ल सुपरहीरो सिरीज में एनिमेटेड अवतार में दिखेंगी। मेरी कॉम मानती हैं कि इससे लड़कियों को स्वरक्षा में मदद मिलेगी। अब वक्त आ गया है कि लड़कियां अपनी रक्षा के गुर सीखें और आगे बढ़े
नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्‍यादा के नौजवान हैं, जिन्‍होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्‍छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्‍टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्‍कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा क्‍या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्‍यादा फ्रिक नहीं हुई।
वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।
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