भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई का सुप्रीम कोर्ट से अब बच पाना मुश्किल है। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को उसकी मान्य ईकाइयों यानी राज्य संघोंं में जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशें के अनुसार सुधार लागू करने को लेकर शुक्रवार को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष कोर्ट ने बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन्स के बीच पैसे के लेन-देन पर रोक लगा दी है।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में भारत के दबदबे से सकते में आया पाकिस्तान अब इसकी काट तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान चीन सहित ईरान और आस-पास के पश्चिम एशियाई गणराज्यों को शामिल कर एक वृहद दक्षिण एशियाई आर्थिक संगठन के निर्माण की संभावना तलाश रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में आज इसका खुलासा किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भागीरथ पैलेस के कारोबारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन के बने सामान नहीं बेचने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न वर्गों की तरफ से चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग की जा रही है।
उच्चतम न्यायालय ने लोढ़ा समिति की प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और ऐसे में सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) को लगेगा जिसके सभी पांच निदेशक 70 साल से अधिक उम्र के हैं और उनके कोषाध्यक्ष को भी अपना पद छोड़ना पड़ेगा।
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व करने वाली विंग कमांडर पूजा ठाकुर ने स्थायी कमीशन नहीं दिए जाने पर भारतीय वायुसेना के खिलाफ सशस्त्र बल न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया है।
प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल ने रियो (ब्राजील) 2016 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय दल को प्रायोजित करने की बुधवार को घोषणा की है। ये खेल अगस्त में होने वाले हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के विश्व ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में जबकि अनुभवी मनोज कुमार (64 किग्रा) ने अंतिम-16 चरण में प्रवेश किया।
अकेले अमेरिका में ही घृणा या नफरत फैल रही हो ऐसा नहीं है, बाकी देशों में भी ऐसा हो रहा है। हर तरफ असंतोष और आक्रोश के विस्फोट की घटनाएं हमारे सामने आ रही है। लेकिन अमेरिका में और खास तौर से इसके समाज में इस तरह की हिंसा की ठोस वजहें हैं जिन पर अक्सर या तो कम चर्चा होती है या बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जाता। अमेरिका में इस तरह की हिंसा के पीछे बड़ी भूमिका हथियारों की, राइफलों की सहज उपलब्धता है।