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जफर की मौत को राजे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, सीपीआई माले का आरोप, 'स्वच्छता अभियान के नाम पर हत्या'

जफर की मौत को राजे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, सीपीआई माले का आरोप, 'स्वच्छता अभियान के नाम पर हत्या'

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में खुले में शौच करती महिलाओं के फोटो लेने से रोकने पर नगर परिषद कर्मियों ने कथित रूप से एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। घटना को राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं भाकपा (माले) ने इसे स्वच्छता अभियान के नाम पर हत्या करार दिया है।
नियंत्रण में रहना सीखें आर्मी चीफ, बयानबाजी शोभा नहीं देती: करात

नियंत्रण में रहना सीखें आर्मी चीफ, बयानबाजी शोभा नहीं देती: करात

सीपीआई नेता बृंदा करात ने आर्मी चीफ को नियंत्रण में रहने की सलाह देते हुए कहा है कि भारत के आर्मी चीफ को इस तरह की बयानबाजी शोभा नहीं देती, उन्हें इससे बचना चाहिए।
जानिये, आखिर क्यों अक्षय कुमार-सायना नेहवाल को  मिली नक्सलियों से धमकी

जानिये, आखिर क्यों अक्षय कुमार-सायना नेहवाल को मिली नक्सलियों से धमकी

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद देशभर के लोगों ने शहीदों के परिवारों की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया। मदद करने वालों में अभिनेता अक्षय कुमार और बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल शामिल है, जिन्होंने शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद दी, लेकिन नक्सलियों को ये नागवार गुजरा।
माओवादियों के निशाने में अल्मोड़ा, धौलछीना में लगाए पोस्टर

माओवादियों के निशाने में अल्मोड़ा, धौलछीना में लगाए पोस्टर

अल्मोड़ा जिले में माओवादियों ने एक बार फिर पोस्टर, पर्चे और वॉल राइटिंग से दस्तक दी है। इस बार धौलछीना में माओवादियों ने इंटर कॉलेज, ब्लॉक मुख्यालय और साइन बोर्ड में लाल रंग से शराब विरोधी नारे लिखे। इधर पोस्टर लगने के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है। बहरहाल पोस्टर लगाने वालों की तलाश शुरु कर दी गई है।
सैनिकों से कोई दुश्मनी नहीं, लड़ाई अमीर-गरीब की: माओवादी

सैनिकों से कोई दुश्मनी नहीं, लड़ाई अमीर-गरीब की: माओवादी

सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 जवानों के मारे जाने के बाद माओवादियों ने कहा है सैनिकों से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है। यह लड़ाई सिर्फ अमीर और गरीब की है।
राष्ट्रीय राजनीति में पहचान खो रही है माकपा

राष्ट्रीय राजनीति में पहचान खो रही है माकपा

केंद्र के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में कभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली माकपा अपनी कमजोर पड़ती ताकत के साथ अब अपने पूर्व के बड़े कद की छाया मात्र रह गयी है और असहाय होकर भाजपा के खिलाफ अपनी भूमिका तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के हाथों में जाते देख रही है।
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