चीन ने कहा है कि जब तक भारत ‘चीनी क्षेत्र’ से अपने सैनिकों वापस नहीं बुला लेता तब तक कोई सार्थक बात नहीं होगी। सैनिकों की वापसी न होने पर सीमा पर मौजूदा तनाव और बढ़ेगा।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
अलीगढ़ में एक मस्जिद के गुंबद के निर्माण को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए, जिसके बाद पूरे इलाके में सांप्रदायिक तनाव का माहौल बन गया। मौके पर भाजपा के एक स्थानीय विधायक के पहुंचने पर विवाद और बढ़ गया। दोनों गुटों के बीच गोलीबारी भी और पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इलाके में तनाव को देखते हुए रेपिड एक्शन फोर्स (आरएफए) को तैनात कर दिया गया है।
जाति के आधार पर चल रहे भेदभाव पर खेद व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि दलित जाति के जो लोग कुएं खोदते हैं और मूर्तियां बनाते हैं, उन्हें कुएं से पानी पीने एवं मंदिरों में प्रवेश से रोका जाना आज के युग में ठीक नहीं है। लोगों में ऐसी सोच बदलनी चाहिए।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि वह दिसंबर में अफगानिस्तान पर होने वाले हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए भारत की यात्रा करेंगे और यह यात्रा भारत-पाक के बीच के तनाव खत्म करने का एक अच्छा मौका होगा।
पाकिस्तान ने कहा है कि नियंत्रण रेखा पर रूक-रूक कर हो रही गोलीबारी और तनाव के बावजूद वह भारत में होने वाले अफगानिस्तान पर केंद्रीत हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेगा।
भारत में चाय का उत्पादन मुख्य तौर पर उत्तर बंगाल में ही होता है। लेकिन अब यहां कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में बंद और खस्ताहाल चाय बागानों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
यूनीसेफ इंडिया और बीबीसी मीडिया एक्शन इंडिया ने मंगलवार को सामाजिक बदलाव के संदेश को समेटे किशोरों पर आधारित एक टी.वी सीरियल का शुभारंभ किया। इस सीरियल के कथानक में किशोरों की समस्याओं और उनके खिलाफ कोशोरों के खड़े होने को बेहद ही रोचक तरीके से पेश किया गया है।