विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज बाबू जगजीवन राम को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए नमन किया। इनसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वंचितों के मसीहा के तौर पर देखे जाने वाले बाबू जगजीवन राम को श्रद्धांजलि दी।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के कार्यकर्ता ने मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में 6 जून को हुई पुलिस फायरिंग में मारे गए पांच किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद किसान मुक्ति यात्रा का शंखनाद किया।
सिक्किम के नाथू-ला दर्रे से पास होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा शुक्रवार को रद्द हो गई। कुछ दिन से सिक्किम में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है जिसके चलते यह फैसला लिया गया है।
अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के लिए आज जम्मू बेसकैंप से अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो चुका है। प्रशासन ने यात्रा पर सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम शामिल करने के साथ ही सुरक्षा पैमाने को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है।
चीन के मानसरोवर यात्रा रोके जाने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने पूछा कि कहां है प्रधानमंत्री मोदी का 56 इंच का सीना और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल सरकार ने जब यह रास्ता खुलवाया था तो इसका जमकर प्रचार किया था लेकिन आज जब चीन भोले के भक्तों को वहां से भगा रहा है तो सरकार चुप है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां नर्मदा अहंकारी आदमी को जमीन पर ला पटकती है। मध्य प्रदेश की पावन नगरी अमरकंटक में पीएम मोदी ने कहा कि हम तीर्थ यात्रा कर नहीं सकते है लेकिन किसी तीर्थ यात्री को प्रणाम कर ले तो यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। मैं आप सभी यात्रियों को प्रमाण कर एक तरह से पुण्य कमाने आया हूं।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट आज से खुल गए हैं। कपाट खुलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रभु केदारनाथ का रुद्राभिषेक कर पूजा-अर्चना की।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।