भारत यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पड़ोसी देश के राजनीतिक परिवर्तन से गुजरने के बीच भारत ने वहां सभी वर्गों की आकांक्षाओं को समावेशित कर देश के संविधान के क्रियान्वयन की वकालत की और इस हिमालयी राष्ट्र में चीन द्वारा अपने पैर जमाने की कोशिशों के बीच उसे सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में शुक्रवार को एक लड़की से कथित रूप से छेड़छाड़ के बाद दो पक्षों में हिंसक संघर्ष और गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। इस संबंध में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कानून के छात्रों से संविधान का ठीक से अध्ययन करने की अपील करते हुए रविवार को उनसे कहा कि वे शासन और राज्य से जुड़े सभी मामलों में भागीदारी कर उन परिवर्तनों का माध्यम बनें, जो वे चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जम्मू और कश्मीर में सभी वर्ग के लोगों की शिकायतों को संविधान के अनुरूप दूर करने को तैयार है, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी ने शनिवार को कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के समर्थन वाले सीमा पार आतंकवाद को घाटी में अशांति की मूल वजह बताया। बैठक में कश्मीर में भाजपा की गठबंधन सहयोगी पीडीपी और विपक्षी दलों ने भी शिरकत की।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।
मणिपुर की लौह महिला इरोम चानू शर्मीला कल मंगलवार की सुबह अपना 16 साल से जारी उपवास तोड़ेंगी। सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को खत्म करने की मांग को लेकर 16 साल पहले उन्होंने उपवास शुरू किया था।
दिल्ली में अधिकारों को लेकर चल रही लड़ाई में अरविंद केजरीवाल सरकार को हाईकोर्ट ने गुरुवार को तगड़ा झटका दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली के बॉस उपराज्यपाल (एलजी) ही हैं। उप राज्यपाल नजीब जंग ने इस फैसले को संविधान की जीत बताया है। वहीं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।