जन्माष्टमी के अवसर पर मुंबई एवं आसपास के इलाकों में दही हांडी समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाने के दौरान हुई दुर्घटना में दो ‘गोविंदाओं’ की मौत हो गई जबकि 117 ‘गोविंदा’ घायल हो गए।
जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं। दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर कोर्ट ने रोक लगाई थी पर अधिकांश जगह इससे ज्यादा ऊंचाई पर हांडी लटकार्इ गई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तो 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई।
उच्च्तम न्यायालय द्वारा महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर प्रतिंबध लगाए जाने पर शिव सेना ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शनिवार को कहा कि आस्थाओं पर अदालतों को लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए।
महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं लेगे। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बंबई उच्च न्यायालय ने जो तय किया था उसी नियम के तहत दही हांडी में लोगों के पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ऊपर नहीं रखी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि 'हमने भगवान श्री कृष्ण के मक्खन चुराने के बारे में तो सुना है, लेकिन उनके करतब के बारे में नहीं सुना।