राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कई निर्देश पारित किए जिनमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समितियों का गठन करना भी शामिल है। न्यायाधिकरण ने उत्तर भारत के चार राज्यों से कहा कि पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें ताकि पर्यावरणीय आपातकाल से निपटा जा सके।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का मानना है कि पर्यावरण भारत के जनमानस में है। बस जरूरत है तो इसके प्रति थोड़ी सी चेतना लाने की। किसी भी प्रयोग को करने से डरना नहीं चाहिए और नई बातों के लिए दिमाग खुला रखना चाहिए।
चीन में एक केन में रखकर ले जाए जा रहे रेडियोधर्मी आइसोटेप्स के गायब हो जाने से हलचल मच गई है। जिस केन में रेडियोधर्मी आइसोटोप्स रखे थे उसकी खोज के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि संपर्क में आने पर यह आइसोटोप मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
यमुना किनारे आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव से पर्यावरण को हुए नुकसान के मद्देनजर पांच करोड़ का जुर्माना आर्ट ऑफ लिविंग पर लगाया गया था। इस जुर्माने को श्री श्री रविशंकर ने पूरी तरह चुका दिया है। एनजीटी ने आर्ट आफ लिविंग पर 5 करोड़ का हर्जाना लगाया था। इसमें से 25 लाख की रकम आर्ट आफ लिविंग ने 11 मार्च को कार्यक्रम से ठीक पहले अदा की थी। बाकी का जुर्माना पौने पांच करोड़ डीडीए को दे दिया गया है।
पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले दो साल में जिस तेजी से धड़ाधड़ परियोजनाओं को मंजूरी दी है उसी कड़ी में जलाभूमि (वेटलैंड) नियमों में तब्दीली की सिफारिश को देखा जा सकता है
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नियुक्त समिति ने यमुना के किनारे आगामी कार्यक्रम से होने वाले संभावित नुकसान के लिए श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने 11 से 13 मार्च तक यमुना किनार कार्यक्रम करने की योजना बनाई है।
डायपर्स, सैनिटेरी नैपकीन और कॉन्डम आदि जैसे कचरे को खुले में फेंक देने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करने के मूढ़ में है। पर्यावरण मंत्रालय ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर ड्राफ्ट नियमों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 31 जुलाई तक आम जनता से सुझाव मंगवाए हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बनाए गए नियमों के मसौदे में पहली बार सैनिटेरी वेस्ट की परिभाषा भी तय की गई है। इसमें डायपर्स, सैनिटेरी नैपकीन और कॉन्डम वगैरह का जिक्र करके बताया गया है कि इनका निपटारा कैसे करना है।