फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक ने चेन्नई के लिए अपना सुरक्षा जांच फीचर शुरू किया है। फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले इस बटन के जरिए अपने नेटवर्क में शामिल लोगों को बता सकते हैं कि वे बाढ से सुरक्षित हैं। चेन्नई में इस सदी की सबसे भारी बारिश हो रही है।
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने अपने जीवन में परिवार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म पर दो महीने का पितृत्व अवकाश लेने की योजना बना रहे हैं।
लखनऊ के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
अग्रणी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों में शुमार फेसबुक ने पत्रकारों की सुविधा के लिए एक नया टूल जारी किया है। यह टूल फेसबुक के व्यापक नेटवर्क पर मौजूद सामग्री को ढूंढने, संयोजित करने और प्रकाशित करने में पत्रकारों की मदद करेगा।
कई सालों से फेसबुक इस्तेमाल कर रहे लोगों की मांग पूरी करते हुए फेसबुक अब अंतत: डिसलाइक यानी नापसंदगी के बटन का विकल्प मुहैया कराने पर काम कर रहा है। यह बटन पोस्ट को डाउनवोट तो नहीं करेगा लेकिन इस्तेमाल करने वालों की भावनाएं व्यक्त करने का अवसर देगा।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने फेसबुक एकाउंट बंद किए जाने को लेकर अपना विरोध कुछ इस तरह से दर्ज कराया है। पढ़े दिलीप मंडल का पत्र जो उन्होने फेसबुक के लिए लिखा है। उनसे कोई शिकायत नहीं है, जो मेरे नाम की नक़ली प्रोफ़ाइल बनाकर उसपर कुछ कुछ लिख रहे हैं। यह सब शरीर से बड़े हो चुके कुछ बच्चों का खेल है। डायपर पहनकर जो विरोध और विमर्श का तमाशा कर रहे हैं, उन बेचारों पर तो नाराज़ हो पाना भी मुश्किल है। उनकी भाषा उनका परिचय है, उनके हिसाब से उनका "संस्कार" है। प्लीज़, उन्हें माफ़ कर दीजिए।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक एकाउंट को बिना कारण बताए ही फेसबुक ने बंद कर दिया है। इसको लेकर मीडिया जगत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दिलीप मंडल ने बताया कि फेसबुक ने बिना किसी सूचना या चेतावनी के ही उनका एकाउंट बंद कर दिया है।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-