चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ सौ साल की हो गई है। यह सिर्फ प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि मासूम प्रेम की अभिव्यक्ति है। उसने कहा था गुलेरी जी ने सन 1915 में लिखी थी। सौ साल बाद भी इस कहानी की न रुमानियत खत्म हुई न मासूमियत।
अपने देश के चरमपंथियों की ओर से मौत की धमकियां मिलने के बाद अमेरिका जा चुकी विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि उन्होंने भारत को स्थायी तौर पर नहीं छोड़ा है और जब उन्हें सुरक्षित महसूस होगा, वह लौट आएंगी।
अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।
रोमांचपसंद डेवरेला मर्फी ने सन 1965 में साइकिल पर आयरलैंड से भारत की यात्रा की थी। इसी यात्रा के अनुभव को उन्होंने अपनी पुस्तक ‘फुल टिल्ट’ में लिखा है।