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इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

चुुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लडऩे-लड़ाने वालों को छोडक़र सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे। दशहरा, दीपावली- सबको निबटाते हुए चुनाव में भागीदारी का अलग ही आनंद है। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर भी होता है। वह अमेरिकी चुनाव को लेकर भी अंदर की खबरें जानता-समझता है। इस मामले में भुच्च बिहारी भी इंटरनेशनल है। इसलिए कोई यह कैसे सोच सकता है कि अपने घर में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
म्यूजिक एलबम में इमरान

म्यूजिक एलबम में इमरान

भूषण कुमार म्यूजिक वीडियो के सुनहरे दौर को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय संगीत में म्यूजिक वीडियो का दौर बहुत ही जल्दी खत्म हो गया था। अब दोबारा इसके दिन फिरने वाले हैं।
लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

साहित्य अकादमी चाहती है लेखकों की ‘घर वापसी’

लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए साहित्य अकादमी ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य एवं केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की।
सरबजीत की पत्नी बनेंगी रिचा

सरबजीत की पत्नी बनेंगी रिचा

मैरी कॉम फिल्म से चर्चा में आए निर्देशक उमंग कुमार जल्दी ही पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।
महिलाओं पर नीतीश की गहरी छाप

महिलाओं पर नीतीश की गहरी छाप

साइकिल पर सवार लड़कियां, महिला पक्षधर योजना और बिहारी बनाम गुजराती, अरहर दाल में लगी आग ने नीतीश को आधी दुनिया में दे रखी है बढ़त
दालों की महंगाई पर हरकत में सरकार, बनेगा बफर स्टॉक

दालों की महंगाई पर हरकत में सरकार, बनेगा बफर स्टॉक

सरकार ने आज कहा कि वह दलहन की कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से इसका बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से 40,000 टन दलहन की खरीद करेगी। दलहनों की कीमतें खुदरा बाजार में इस समय 190 रपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-नेपाल के रिश्तों में जो तल्खी आई है उसे एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए। उपाध्याय के मुताबिक दोनों देशों के बीच जिस प्रकार के करीबी रिश्ते हैं उसकी तुलना किसी भी दूसरे देश के साथ नहीं की जा सकती। लेकिन इसके उलट नेपाल में नए संविधान का विरोध कर रहे सोशल रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामबाबू राय कहते हैं कि रिश्ते खराब करने की शुरूआत किसने की है, इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
विकास के विरोधाभास में अटका बिहार

विकास के विरोधाभास में अटका बिहार

पटना हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही यात्रियों का इंतजार कर रहे टैक्सी‍, ऑटो रिक्शा‍ वालों ने पूछा कि कहां चलना है। कुछ न बोलते हुए जब आगे बढ़ा तो एक रिक्शा‍ वाला मिला और बोला कहां चलना है साहब, मैंने कहा बोरिंग रोड। बोला छोड़ दूंगा। खैर मुझे बोरिंग रोड तो जाना नहीं था लेकिन मैंने सोचा रिक्शा‍ से चलते कुछ चुनावी माहौल का जायजा लिया जाए। छपरा का रहने वाला रिक्शा‍ चालक कमलेश से जब पूछा कि बिहार में चुनाव है और कहीं कोई शोर नहीं हो रहा कही कोई बड़े-बड़े पोस्टर नहीं दिखाई पड़ रहा है। कमलेश बोला कि साहब यह एयरपोर्ट का इलाका है जब आप शहर में जाएंगे तो हालात बदले हुए नजर आएंगे। खैर कमलेश ने बताया कि साहब किसी की लहर नहीं है कौन चुनाव जीतेगा कह पाना मुश्किल है। मैंने पूछा क्यों‍, कमलेश कहता है कि विकास का जो मुद्दा भारतीय जनता पार्टी का है तो वही मुद्दा तो नीतीश कुमार का रहा है। आज बिहार में जो विकास हुआ है वह नीतीश कुमार की ही बदौलत हुआ है।