पिछले दिनों प्रसिद्ध साहित्यकार और नाच्यो मैं बहुत गोपाल, सुहाग के नुपूर जैसी कालजयी कृतियां लिखने वाले अमृतलाल नागर की 99 वीं बरसी पर बालेंदु शेखर मंगल मूर्त्ति ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया।
दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
मुंबई में एक मुसलमान एमबीए युवक जीशान खान को हीरे का निर्यात करने वाली कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स द्वारा मुस्लिम होने की वजह से नौकरी न दिए जाने पर मचे हंगामे के बीच एक दिलचस्प खबर यह है कि जीशान को एक रेडियो स्टेशन ने रेडियो प्रस्तोता या कहें रेडियो जॉकी की नौकरी का प्रस्ताव दिया है।