जनता परिवार को एकजुट करने की मुहिम बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही खत्म हो गई। समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड से नाता तोड़ते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की तैयारी कर ली है। पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने इसकी घोषणा भी कर दी।
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव ने समाजवादी पार्टी के दो सीटें और छोड़ दी। अब सपा बिहार में पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 243 में से 240 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की जबकि तीन सीटें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ी गई थी।
भारतीय जनता पार्टी बिहार में मिशन 185 के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जुमलों के जरिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर निशाना साध रहे हैं वहीं ये जुमले विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनते जा रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए भाजपा हर रणनीति अपना रही है। पूर्व सांसद साबिर अली के बाद चारा घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री आरके राणा के पुत्र अमित राणा को भी भाजपा में शामिल कर लिया गया है। इसको लेकर भाजपा के ही लोग दबे स्वरों में सवाल उठाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर की रैली में जब मंच से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की तारीफ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोस रहे थे तब मंच पर बैठे लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मांझी के बढ़ते कद से असहज महसूस कर रहे थे। यह अलग बात है कि मंच से पासवान ने नीतीश कुमार और लालू यादव को जमकर कोसा लेकिन भाजपा नेताओं के बदलते रवैये से पासवान अंदर से कुछ ठगा महसूस कर रहे थे। और ठीक प्रधानमंत्री की रैली के वक्त भाजपा के सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल रहे थे।
जनता दल यूनाइटेड के बागी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी का गुणगान कर रहे हैं। तकनीकी कारणों से भाजपा में शामिल न हो पाने के कारण ये विधायक जदयू के साथ बने हुए हैं लेकिन भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुज्जफरपुर की रैली को सफल बनाने के लिए जदयू के बागी विधायकों ने पूरा जोर लगाया और यहां तक की रैली में भी शामिल हुए।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए नया दांव चला है। भाजपा अब राज्य में पहली बार पार्टी द्वारा गठित ओबीसी मोर्चा की पहली राज्य स्तरीय कार्यकारिणी का गठन बिहार में करेगा।
'बहुत हुआ जुमलों का वार, फिर एक बार नीतीश कुमार’, 'आगे बढ़ता रहे बिहार, फिर एक बार नीतीश कुमार’ कुछ ऐसे ही नारे लिखे पोस्टरों से बिहार की राजधानी पटना अटा पड़ा है। पटना की सडक़ों पर बड़े-बड़े होर्डिंग देखकर ऐसा लगता है मानों राज्य में और किसी सियासी दल का कोई वजूद नहीं है। राजनीतिक दलों के पार्टी कार्यालयों को छोड़ दें तो चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर दूसरे दलों के होर्डिंग न के बराबर दिखेंगे। यहां तक कि सडक़ों पर चल रहे ऑटो रिक्शा पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराती तस्वीरों वाले पोस्टर चिपके मिलेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसे समाजवादी नेताओं के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अन्य पिछले वर्ग के हैं। इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पिछड़े वर्ग हैं। शाह के इस दावे को जनता दल यूनाइटेड सहित कई नेताओं ने खंडन किय है।