भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो से अपनी 303 रुपये के न्यूनतम भुगतान के जरिये असीमित डाटा इस्तेमाल और मुफ्त कॉल की पेशकश को वापस लेने का निर्देश्ा दिया है।
उथल पुथल के इस दौर में लगता है राजनीति की तरह बाजार में भी महागठबंधन का युग आ गया है। जिस तरह करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए बाकी पार्टिया आपसी दुश्मनी को तिलांजलि देकर गठबंधन करने को मजबूर हो रही हैं, उसी तरह भारतीय टेलीकॉम उद्योग बाजार में मुंकेश अंबानी के जियो के लगातार बढ़ते प्रभाव को टक्कर देने के लिए दो टेलीकॉम दिग्गजों वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर ने महागठबंधन का सहारा लिया है। मजे की बात है अब तक जिनके खिलाफ गठबंधन को आजमाने की कोशिशें शुरु हुई हैं वे दोनों, मोदी और मुकेश अंबानी, गुजरात के हैं।
दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण टीडीसैट ने रिलायंस जियो की शुरूआती मुफ्त पेशकश फ्री ऑफर पर रोक नहीं लगाई। लेकिन उसने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई से रिलायंस को मुफ्त पेशकश जारी रखने की अनुमति से संबंधित मुद्दे का पुन: परीक्षण करने को कहा है।
सरकार कॉल ड्रॉप पर दूरसंचार उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिये टॉल फ्री नंबर 1955 शुरू करने की योजना बना रही है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, कॉल ड्रॉप पर आईवीआरएस सिस्टम के लिये शार्ट कोड 1955 आवंटित किया गया है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) अपने टावर कारोबार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी कनाडा के ब्रुकफील्ड इंफ्रास्टक्चर ग्रुप को 11,000 करोड़ रुपये के लगे हाथ भुगतान पर बेचेगी। कंपनी ने यहां एक बयान में बताया, प्रस्तावित सौदे से आरकॉम को शुरू में ही 11,000 करोड़ रपये नकद मिलेंगे। आरकॉम को आगे इस कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का फायदा होता रहेगा। बयान में कहा गया है कि आरकॉम की योजना बिक्री प्रक्रिया से अपना कर्ज कम करने की है।
उच्चतम न्यायालय ने मोबाइल टावरों से होने वाले विकीरण के खतरनाक प्रभावों पर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछते हुए इस तरह के उत्सर्जन के मानकों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों रिपोर्ट मांगी है।
इंटरकनेक्शन को लेकर जारी विवाद के बीच दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज आगे आते हुए कहा कि वह बातचीत के दौरान कॉल कटने यानी कॉल ड्रॉप को लेकर टेलीफोन कंपनियों को नोटिस जारी करेगा।
रिलायंस जियो के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कोई डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।