तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) का शुद्ध लाभ 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 6 प्रतिशत बढ़ गया। कंपनी ने सरकार के विनिवेश से पहले तरलता बढ़ाने को बोनस शेयर की घोषणा की है।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रस्तावित चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी प्रभावित हो सकता है। इस कर ढांचे के अमल में आने से आम आदमी की रसोई में काम आने वाले खाद्य तेल, मसाले और चिकन जैसा सामान महंगा हो सकता है। अप्रत्यक्ष कर के इस ढांचे में दूसरी तरफ कुछ टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर्स, फ्रिज और वाशिंग मशीन आदि करों में कमी से सस्ते हो सकते हैं।
रूस की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी रोजनेफ्ट और उसके भागीदारों ने भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी पेट्रोलियम कंपनी एस्सार ऑयल के अधिग्रहण का आज करार किया। पूरी तरह नकद लेन-देन के आधार पर हुए इस सौदे का मूल्य करीब 13 अरब डालर आंका गया है।
सैमसंग ने आज अपने गैलेक्सी नोट 7 स्मार्टफोन का उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया तथा वैश्विक स्तर पर इस फोन की बिक्री रोक दी है। कंपनी ने दुनिया भर के ग्राहकों से गैलेक्सी नोट 7 स्मार्टफोन का इस्तेमाल बंद करने को कहा है। इस तरह की खबरें आई हैं कि कंपनी ने इस स्मार्टफोन को बदलकर ग्राहकों को जो हैंडसेट दिया है उनमें भी आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं जिसके बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है।
देश में औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने अगस्त में भी गिरावट रही। विनिर्माण, खनन व पूंजीगत सामान क्षेत्र में मंदी के चलते अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 0.7 प्रतिशत नीचे रहा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी), ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के समूह को रूस के दो तेल क्षेत्रों में 3.14 अरब डालर में हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
देश में अरहर दाल की इस बार भरपूर पैदावार होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो जमाखोर अरहर की दाल इस लालच में जमा किए हुए हैं कि एक बार फिर अरहर के दाम बढ़ेंगे तो वह इस मुगालते में न रहें और अपनी दाल बाजार में निकाल दें, क्योंकि फसल अच्छी होने के कारण इस बार उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
राज्यों को इस साल केंद्र से राजस्व में हिस्सेदारी के तहत जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है क्योंकि इस बार उन्हें पेटोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के हिस्से के तहत 24,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।