अमेरिका ने कहा है कि दुनिया एक महत्वाकांक्षी समझौते पर काम कर सकती है जिससे भारत जैसे देशों में जलवायु और विकास दोनों की चुनौतियां पूरी हो सकें। इसके साथ ही उसने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के सफल होने के लिए भारत और चीन दोनों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
नीतीश कुमार ने दावा किया कि यह लोगों के लिए मेरी प्रतिबद्धता है और मैं जानता हूं कि उनका यह विश्वास मुझ पर है कि जो मैं कहता हूं, वह करता हूं। नीतीश कुमार की सात सूत्री विकास योजना में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, युवा उद्यमियों और पेयजल, बिजली एवं शौचालय जैसी आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों पर विशेष जोर है।