देश के बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले आठ साल में तेजी से बढ़े हैं। सरकार की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार इन मामलों की संख्या पिछले आठ साल में 3.53 लाख तक पहुंच गई है।
आरबीआई ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि मोबाइल नंबर की तरह अब बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी भी शुरू की जा सकती है। नोटबंदी के बाद इसे दूसरे सबसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं के बाद सेवाओं पर भी कर की दरें तय कर दी हैं। जिसके तहत टेलिकॉम, वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी। फोन पर बात करने के साथ ही बीमा-बैंकिंग सेवाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। होटल में ठहरना एसी ट्रेन में सफर करना भी महंगा हो जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह बैंकों के साथ 50,000 रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर बैंक नकद लेनदेन कर :बीसीटीटी: लगाने की मुख्यमंत्रियों की समिति की सिफारिश पर कोई निर्णय लेने से पहले सावधानीपूर्वक विचार करेगी।
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने जर्मनी के बर्लिन शहर में एक क्रिसमस बाजार में हुए ट्रक हमले की जिम्मेदारी ली है। इस घटना में सोमवार की रात एक व्यक्ति ने पश्चिमी बर्लिन के मध्य में एक क्रिसमस बाजार में भीड़ पर ट्रक चढ़ा दिया था जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 48 अन्य घायल हुए थे। इस्लामी चरमपंथियों की ओर से जर्मनी की धरती पर सामूहिक नरसंहार का यह पहला हमला है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में पंपरागत बैंकों में धीरे-धीरे इस्लामी बैंक सुविधा देने का प्रस्ताव किया है जिसमें ब्याज-मुक्त बैंकिंग सेवा के प्रावधान किए जा सकते हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक जाकिर नाइक एवं अन्य के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में कार्रवाई करते हुए जांच एजेंसी ने मुंबई में आईआरएफ के 10 ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली।
विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों के भविष्य पर महाराष्ट्र सरकार विधि एवं न्यापालिका विभाग से विचार-विमर्श करेगी।
इस्लामिक गुरु डॉ. जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए जाने को मुस्लिम विद्वानों ने अनुचित करार दिया है। नई दिल्ली के सूफी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना डॉ. हफीज़ुर्रहमान मिसबाही ने कहा कि अगर नाइक ने जकात (दान) की राशि दी, तो उन्होंने लाभार्थी मुसलमानों और जकात अदा दोनों के साथ धोखा किया है। जकात की यह राशि वास्तव में डॉ. नाइक ने गरीब मुसलमानों और विधवाओं तक पहुंचाने के लिए प्राप्त की होगी। जकात की मंशा के खिलाफ इस राशि का इस्तेमाल सही नहीं है।