मकर संक्रांति के मौके पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया। जिसमें पहली बार लालू की तरफ से भाजपा के नेताओं को भी न्योता भेजा गया था। हालांकि भाजपा ने इस न्योते को ठुकरा दिया और पार्टी का कोई भी नेता लालू के इस भोज में शामिल नहीं हुआ। लालू प्रसाद के इस आमंत्रण पर जदयू ने सवाल उठाए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रूपये के पूराने नोटों पर रोक से जनता को हो रही कठिनाई को लेकर इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सड़कों पर उतरने की घोषणा की है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अलावा अन्य राज्यों में सत्ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्तराधिकारी को लेकर समस्या है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए आज नई दिल्ली में नोटबंदी के खिलाफ जनसभा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि देश उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है। ममता को नोटबंदी के खिलाफ अपने अबियान में जदयू, सपा, राकांपा और आप जैसी पार्टियों कता भी समर्थन मिला।
भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत की तर्ज पर संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले नीतीश कुमार के राज में बिहार में संघ की शाखाओं की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में भाजपा के पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार की अपने नारे के प्रति गंभीरता पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सत्ता में आने पर शराब माफिया को खत्म करने, छापेमारी राज पर अंकुश लगाने और व्यापार एवं उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई उठाने तथा कुछ क्षेत्रों के लिए कर में रियायत का वादा किया है।
राजद सांसद और युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेष कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कहा कि मोहम्मद शहाबुद्दीन अपराधी नहीं समाजसेवी हैं। शहाबुद्दीन पांच बार जनप्रतिनिधि रह चुके हैं वे अपराधी नहीं हो सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप को चुनौती प्रदान करने वाले हलफनामें के जबाव में विश्वविद्यालय ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए इसे दलगत राजनीति से प्रेरित एक प्रयास बताया है। सरकार द्वारा अगले जबाव के लिए 3 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगे जाने के बावजूद मसला शांत नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप के विरूद्ध की गई टिप्पणी के बाद से यह सदन के अंदर और बाहर का मसला बन चुका है।