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नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कायम हैं विरोधी स्वर

नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कायम हैं विरोधी स्वर

एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
बकरीद पर अॉनलाइन खरीदें कुर्बानी बकरा

बकरीद पर अॉनलाइन खरीदें कुर्बानी बकरा

अगर आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप है या आप स्मार्ट फोन रखते हैं तो आपको इस बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे खरीदने के लिए बकरा मंडियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। अब आप बकरा एक क्लिक के जरिए घर बैठे खरीद सकते हैं।
महाराष्ट्र: मांस बिक्री विवाद में शिवसेना भी कूदी

महाराष्ट्र: मांस बिक्री विवाद में शिवसेना भी कूदी

महाराष्ट्र में जैन समुदाय की उपवास अवधी के दौरान चार दिन तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा होता दिख रहा है। राज्य सरकार के इस फैसले का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। खास बात यह है कि विपक्षी दलों के साथ-साथ सरकार में शामिल भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे तुष्टीकरण और धार्मिक आतंकवाद की संज्ञा दे दी है।
आकाशवाणी के कैजुअल एनाउंसर ने किया प्रदर्शन

आकाशवाणी के कैजुअल एनाउंसर ने किया प्रदर्शन

आकाशवाणी के जरिए अपनी बात कहने वाले देश भर के कैजुअल एनाउंसर और कंपीयर ने जंतर-मंतर पर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। तीन और चार अगस्त के दो दिन के धरना-प्रदर्शन में इन कैजुअल एनाउंसर ने केंद्र सरकार और प्रसार भारती के रहनुमाओं तक अपनी 'मन की बात' पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले जाट आवेदकों की उस अपील को आज खारिज कर दिया जिसमें इन आवेदकों ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। इन आवेदकों ने जाट आरक्षण को सर्वोच्च अदालत द्वारा रद्द कर दिए जाने से पहले ओबीसी श्रेणी में बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा के अलग-अलग स्तर पर सफलता हासिल कर ली थी मगर आरक्षण रद्द हो जाने के कारण इन्हें अंतिम रूप से नौकरी नहीं दी गई।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।