मां-बाप के द्वारा 'बच्चे का भविष्य' संवारने के उद्देश्य से उन्हें स्कूल भेजा जाना, फिर उस बच्चे का कभी न लौटकर आना या कुछ ऐसे घाव साथ लेकर आना जिससे उबरने में शायद जिंदगी बीत जाए। ऐसे मां-बाप पर क्या गुजरेगी?
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के अस्पताल इन दिनों बच्चों की मौत को लेकर काफी चर्चा में बने हुए हैं। बीआरडी अस्पताल के बाद फर्रुखाबाद के अस्पलताल में हुई बच्चों की मौत को लेकर पूरा देश सदमे में है। इस घटना को लेकर अब शिवसेना ने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के अस्पताल इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए हैं। गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद अब फर्रुखाबाद के अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला सामने आया है।
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में कथ्ति तौर पर आॅक्सीजन की कमी से बच्ची की मौतों के बाद अब दिल्ली में कई साल पहले हुए ऐसे ही एक मामले में गैस सप्लाई करने वाली कंपनी को दोषी पाया गया है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और छत्तीसगढ़ के अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर से अभी हम उबरे ही नहीं थे कि अब जमशेदपुर के अस्पताल में एक साथ कई बच्चों की मौत ने चौंका दिया है।