नीति आयोग ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया है। जिसके मुताबिक कर्नाटक देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है। वहीं हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ को सबसे कम भ्रष्ट राज्य माना गया है।
कावेरी जल विवाद पर नौ वर्ष पहले की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर अभिनेता सत्यराज के माफी मांगने के एक दिन बाद कन्नड़ समर्थक संगठनों ने ‘बाहुबली 2’ की रिलीज के खिलाफ अपना प्रदर्शन आज खत्म कर दिया।
फिल्म बाहुबली: द बिगनिंग के बाद 'बाहुबली 2: द कंक्लुज़न' के पर्दे पर उतरने से कुछ दिन पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म में कटप्पा का किरदार निभा रहे सत्यराज के नौ साल पुराने बयान पर विवाद शुरू हो गया है। जिसके बाद फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध को लेकर कर्नाटक में विरोध शुरु हो गया है। अब फिल्म निर्देशक राजामौली ने इस विवाद से खुद को और अपनी फिल्म को अलग कर लिया है।
यूपी विधानसभा में करारी हार झेल रही बसपा सुप्रीमो मायावती को आगामी दिनों में और झटके लग सकते हैं। मीडिया में खबर है कि लोकसभा और विधानसभा में पार्टी को मिली हार से खिजियाए कुछ असंतुष्ट नेता 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर एक अलग राजनीतिक मंच बना सकते हैं।
कर्नाटक विधान परिषद में भाजपा के एक पार्षद की ओर से मादक पदार्थ का मुद्दा उठाए जाने के बाद राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि वह राज्य को उड़ता पंजाब नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मादक पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रह चुके और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा 40 साल कांग्रेस में रहने के बाद गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने के करीब सात हफ्ते बाद बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कर्नाटक के अनंत कुमार एवं आर अशोक तथा अन्य नेताओं की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए।
कर्नाटक के कलबुर्गी में एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो महिलाओं के गर्भाशय को निकालने का काम करता था। इस काम में चार अस्पतालों के शामिल होने का आरोप है। कलबुर्गी के स्थानीय लोग पिछले दो वर्ष से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। लेकिन अभी तक अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।