राहुल गांधी आज 45 साल के हो गए हैं। भारतीय राजनीति में पैर जमाने के लिए पूरे उत्साह से जुटे राहुल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जन्मदिन की बधाई दी है।
बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए जहां चुनौती है वहीं राजद-जदयू के लिए बना अस्तित्व का सवाल। दोनों ही तरफ लामबंदी तेज हो गई है। चुनावी मुद्दे और टीम?ं सज रही हैं, जातियों के इर्द-गिर्द गोटियां बैठाई जा रही हैं। जनता जनार्दन को अपन पक्ष में खींचने की कवायद तेज। बिहार विधानसभा चुनावों में छुपा है देश की भविष्य की राजनीति का राज। अगर नीतीश गठबंधन जीता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प होंगे और अगर मोदी ने फतह किया, तो उत्तर भारत पर पकड़ होगी मजबूत।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अपना ४५वां जन्मदिन कुछ खास अंदाज में मनाया। राहुल के सांसद बनने के बाद यह पहला अवसर था कि उन्होने अपना जन्मदिन दिल्ली में मनाया। नहीं तो हर साल राहुल दिल्ली से बाहर रहे और कांग्रेसी कार्यकर्ता मायूस रहे। लेकिन इस बार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह रहा और राहुल ने भी उन्हें निराश नहीं किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के दाबूमाजरा गांव पहुंचकर पिछले हफ्ते आत्महत्या करने वाले किसान सुरजीत के परिजनों से मुलाकात की। किसान सुरजीत ने पिछले हफ्ते कर्ज के बोझ के कारण सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली थी।
बिहार की राजनीति में अलग अंदाज में गठजोड़ करने में वह माहिर हैं। पुराने गठजोड़ों को नया रंग देने की कला में वह निपुण हैं। स्थिति के हिसाब से दुश्मनों को दोस्त और पुराने साथियों से अखाड़े में कुश्ती की कला में पारंगत हैं। जब ये लगने लगे कि बिहार उनके हाथ से निकल ही गया तो फिर वह अपनी नई चाल से खेवनहार बनने की दावेदारी पेश करते हैं। जिनको सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी की कतारों को लामबंद किया, उन्हीं लालू प्रसाद यादव के साथ आज वह गलबहियां डाल उगता बिहार, नूतन बिहार के नारे के साथ वोट मांगने की तैयारी में हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने केन्द्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जंगलों पर आदिवासियों का अधिकार है और यह अधिकार नहीं छीना जा सकता। राहुल ने कोरबा के खदान क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्राी के विकास के माॅडल पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि इससे आदिवासियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा।
राहुल गांधी भले कांग्रेस की हालत सुधारने में जुटे हों मगर कांग्रेस के नेता उनके सामने भी लड़ने से बाज नहीं आते। एक बार फिर छत्तीसगढ़ में ऐसा देखने में आया। छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर आए राहुल गांधी के सामने कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई।
लोकसभा चुनाव में मिली भीषण पराजय के बाद पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सभी उपाय करने में जुटी हैं और इसी कड़ी में केंद्र सरकार से मुकाबले के लिए अपनी पार्टी के क्षेत्रीय क्षत्रपों यानी मुख्यमंत्रियों को आगे कर रही हैं। मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में पार्टी के सभी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को राहुल पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे जहां जूट मिल कर्मचारियों को संबोधित करने के अलावा घर खरीदने वाले समूह से भी मुलाकात की।
यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।