Advertisement

Search Result : "Lynched By Mob"

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी जिस समय अहमदाबा में गोरक्षा के नाम पर हत्या को अस्वीकार्य बता रहे थे, करीब उसी वक्त झारखंड में हिंसक भीड़ ने कथित रूप से प्रतिबंधित मांस ले जाने के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला।
नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

देश भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में देश-विदेश में कई जगहों पर लोग 28 जून को प्रदर्शन करेंगे।
अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

देश में हिंसक भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवार्ड लौटा दिया है।
भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
खुले में शौच करतीं महिलाओं के फोटो लेने से रोका, तो परिषद कर्मियों ने पीट-पीट कर मार डाला

खुले में शौच करतीं महिलाओं के फोटो लेने से रोका, तो परिषद कर्मियों ने पीट-पीट कर मार डाला

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में खुले में शौच करती महिलाओं के फोटो लेने से रोकने पर नगर परिषद कर्मियों ने कथित रूप से एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला है। इस मामले में नगरपरिषद आयुक्त समेत पांच परिषद कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

एसआईटी की विशेष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार में षडयंत्र के किसी भी पहलू से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी द्वारा चलाई गई गोलियों ने भीड़ को उकसाया और वह गुस्सा हो गई, नतीजन इतने बड़े पैमाने पर हत्‍याएं हुईं। अदालत ने हालांकि कहा कि गोलीबारी के कारण भीड़ की इस करतूत को माफ नहीं किया जा सकता है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement