हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा चलाई थी। इस यात्रा ने 148 दिन में लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर का रास्ता तय किया था, जिसका समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि घटना जलपाईगुड़ी के बरहोरिया गांव के पास हुई। भीड़ ने तड़के उन्हें रोक लिया और गाड़ी से उतारकर जमकर पीटा। इस दौरान अनवर हुसैन और हाफिजुल शेख की मौत हो गई। लोगों ने गायों को लेकर जा रहे पिकअप वैन में भी तोड़फोड़ की।
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी मेधा पाटकर को अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस को ‘कील लगे डंडे’ के साथ भेजने के आरोप लग रहे हैं।
करीब एक घंटे चले पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर और अन्य साथियो को उठाकर एंबुलेंस में सवार कर दिया। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी।
स्वराज इंडिया का कहना है कि समय-समय पर डूबने की स्थिति से प्रभावित लोगों को विस्थापितों की सूची से बाहर करते हुए सरकार के आंकड़े बदलते गए। यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो उसके अनुसार भी हजारों पात्र परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है।
गौ-रक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केवल बातों से काम नहीं चलेगा। हिंसा रोकने के लिए कुछ करना होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से दो दिनों के गुजरात दौरे पर हैं जहां उन्होंने गौ-रक्षा के नाम पर हो रही हत्यों पर गहरी नाराजगी जतायी थी।
अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।