गोरक्षा के नाम पर हमले और तेज होते जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के सिरसा खदारपुर गांव में गोरक्षा दल के लोगों ने गौ तस्कर समझकर दो लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया।
यूपी में सरकार बदलते ही इसका असर भी दिखाई देने लगा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर बनने वाले छह बिल्डरों के 17 प्रोजेक्टों को रद्द कर दिया है। इनमें गौर सन्स, अजनारा, जेपी ग्रुप और ओरिस इंफ्रा जैसे बिल्डर्स के प्रोजेक्ट शामिल हैं। इससे खासी संख्या में निवेशकों में घबराहट और आशंका पैदा हो गई है।
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स :एसटीएफ: ने नोएडा में फर्जी कंपनी बनाकर लगभग साढ़े छह लाख लोगों से धोखाधड़ी करके 3700 करोड़ रूपये वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लाखों रोजाना यात्रियों को राहत देने वाले फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज आदेश दिया कि आठ लेन वाले और 9.2 किलोमीटर लंबे दिल्ली नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईओवर का प्रयोग करने वालों से अब टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा।
दिल्ली से सटे नोएडा के हिंडन विहार से शनिवार रात 9 नक्सलियों को गिरफ्तार किया। हिंडन अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 102 की प्रत्येक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के बाद यह कार्रवाई की गई।
यूपी में अयोध्या के बाद बजरंग दल ने अब नोएडा में राष्ट्र रक्षा के नाम पर ट्रेनिंग कैंप लगाया है। शिविर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को एयरगन और तलवार के साथ लाठी भांजने की ट्रेनिंग दी जा रही है। पिछले दिनों अयोध्या में ऐसे ही आयोजन पर देश के राजनीतिक गलियारों में हंगामा हुआ था।
ऑटो एक्सपो-मोटर शो 2016 का आयोजन ग्रेटर नोएडा में 5 से 9 फरवरी 2016 तक चलने वाले इंडिया एक्सपो मार्ट में इस बार बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। यहां 37240 वर्गमीटर के अतिरिक्त कार्पेट एरिया के साथ 6 विशाल हॉल बनाये गये हैं जहां एयर कंडिशनिंग और पर्याप्त बिजली आपूर्ति केबलिंग की व्यवस्था है। शो के आगामी संस्करण में कुल इनडोर प्रदर्शनी स्थल को पिछले संस्करण के 69,000 वर्गमीटर से बढ़ाकर इस साल 73,000 वर्गमीटर कर दिया गया है।
नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित इंजीनियर यादव सिंह के मामले में सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच का जो दायरा है वह 2002 से लेकर 2014 तक के बीच तय किया गया है। इस दौरान प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकारें रही है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी दलों के बड़े नेताओं से यादव सिंह का संबंध रहा जिसकी वजह से वह गलत कामों को अंजाम देता रहा।