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महाराष्ट्र भाजपा पर 'आप' का वार, भ्रष्टाचार पर घिरी फडणवीस सरकार

महाराष्ट्र भाजपा पर 'आप' का वार, भ्रष्टाचार पर घिरी फडणवीस सरकार

भाजपा नेता और महाराष्ट्र की महिला बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे पर एक बार फिर घोटाले का आरोप लगा है। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति शर्मा मेनन ने लगाया है। आरोपों के घेरे में न सिर्फ पंकजा मुंडे हैं बल्कि महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे भी हैं।
जानिए जस्टिन बीबर को बीच कंसर्ट में क्यों मांगनी पड़ी भारतीयों से माफी

जानिए जस्टिन बीबर को बीच कंसर्ट में क्यों मांगनी पड़ी भारतीयों से माफी

कहने कि जरूरत नहीं है की जस्टिन बीबर का दीवानापन सर चढ़ गया था। इस कंसर्ट के टिकट 75 हजार रुपये तक बिके। जस्टिन बीबर को सुनने के लिए मुंबई फिल्म उद्योग की नामी हस्तियां भी पहुंची थीं। पिछले कुछ दिनों से उनकी हर हलचल खबर थी। बुधवार को जब वह स्टेडियम में पहुंचे तो हर कोने से उनका नाम पुकारा जा रहा था।
शाह की हर जगह चल रही, महाराष्‍ट्र में करीबी को मिला मलाईदार राजस्‍व विभाग

शाह की हर जगह चल रही, महाराष्‍ट्र में करीबी को मिला मलाईदार राजस्‍व विभाग

महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कैबिनेट के 3 बड़े नेताओं को झटका दिया है। विभागों में फेरबदल करते हुए पंकजा मुंडेे, विनोद तावड़े और प्रकाश मेहता का कद छोटा कर दिया गया है। तावड़े और पंकजा दोनों ही विवादों में उलझे रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खास चंद्रकांत दादा पाटिल को बेहद महत्वपूर्ण राजस्व मंत्रालय का जिम्मा मिला है।
शिवराज पाटिल की नजर में बाटला एनकाउंटर सही, मोदी सरकार को भी सराहा

शिवराज पाटिल की नजर में बाटला एनकाउंटर सही, मोदी सरकार को भी सराहा

कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी नहीं था। उन्‍हाेंने मोदी सरकार के कामकाज की खुले मुंह से तारीफ भी की है। पाटिल का यह बयान कांग्रेस में खलबली मचा सकता है।
कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्का‍र, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
विश्व टी-20 में युवी, भज्जी और नेगी बने चयनकर्ताओं की पसंद

विश्व टी-20 में युवी, भज्जी और नेगी बने चयनकर्ताओं की पसंद

युवा आलराउंडर युवराज सिंह, हरभजन सिंह और पवन नेगी को विश्व ट्वेंटी20 और एशिया कप की टीम में जगह देकर चयनकर्ताओं ने सबको चौंका दिया है। इन दो टूर्नामेंटों की 15 सदस्यीय भारतीय टीम में मनीष पांडेय के बजाय अजिंक्य रहाणे जबकि युवा खिलाड़ियों जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंडया को भी मौका दिया गया है। टीम में इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे तेज गेंदबाज भी नहीं हैं।
अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल की अनुमति

अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल की अनुमति

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने गुरुवार को आदर्श घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के इस कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा किए जाने के कुछ दिनों बाद यह अनुमति दी।
अदालत को पाटिल की गवाही पर संदेह, सलमान को राहत संभव

अदालत को पाटिल की गवाही पर संदेह, सलमान को राहत संभव

बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को वर्ष 2002 के हिट एंड रन केस में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के पूर्व पुलिस अंगरक्षक और गवाह रवींद्र पाटिल की गवाही पर संदेह जताया और कहा कि उन पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता। अदालत के संदेह व्यक्त करने से सलमान को राहत मिलने की संभावना प्रबल हो गई है।
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
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