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Search Result : "Rawat s last farewell"

ले.जनरल रावत होंगे अगले थल सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख होंगे एयर मार्शल धनोआ

ले.जनरल रावत होंगे अगले थल सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख होंगे एयर मार्शल धनोआ

सरकार ने उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों से आगे बढ़ाते हुए आज नया थल सेना प्रमुख नियुक्त किया और उप वायुसेना प्रमुख मार्शल बी. एस. धनोआ को भारतीय वायुसेना का नया प्रमुख बनाया गया।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने भरी उड़ान, वृद्धि दर अक्तूबर में 6.6 प्रतिशत

बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने भरी उड़ान, वृद्धि दर अक्तूबर में 6.6 प्रतिशत

इस्पात व रिफाइनरी उत्पाद क्षेत्रों के प्रभावी प्रदर्शन के चलते बुनियादी ढांचा क्षेत्र ने अक्तूबर महीने में 6.6 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की जो कि बीते छह महीने में सर्वाधिक है।
महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। आज सूरत में उनका अंतिम संस्कार किया गया। कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के साथ सैकड़ों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के समर्थन को लेकर कांग्रेस संगठन और सरकार के बीच जारी विवाद बढ़ता जा रहा है।
तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर देहरादून पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर देहरादून पहुंचे राष्ट्रपति मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने तीन दिन के उत्तराखंड प्रवास पर आज देहरादून पहुंचे। इस प्रवास के दौरान वह भगवान शिव के धाम केदारनाथ जाने के अलावा हरिद्वार में गंगा आरती में भी हिस्सा लेंगे।
उत्तराखंड: जुलूस के दौरान हरक सिंह रावत पर महिला ने फेंकी चप्पल

उत्तराखंड: जुलूस के दौरान हरक सिंह रावत पर महिला ने फेंकी चप्पल

उत्तराखंड के चमोली जिले में भाजपा की पर्दाफाश रैली से पहले निकाले गए एक जुलूस के दौरान पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर एक महिला ने चप्पल फेंकी। जुलूस के रास्ते में पड़ने वाले मकानों की छत पर खड़ी महिलाओं में से एक ने रावत पर चप्पल फेंकी।
एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

मध्‍यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्‍य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्‍मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्‍कार निजी जमीन पर किया गया।
हरीश रावत मंत्रिमंडल का विस्तार, नवप्रभात और भंडारी को दिलाई शपथ

हरीश रावत मंत्रिमंडल का विस्तार, नवप्रभात और भंडारी को दिलाई शपथ

कांग्रेस संगठन और विधायकों के दबाव के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए दो कांग्रेस विधायकों नवप्रभात और राजेंद्र भंडारी को उसमें शामिल कर लिया। विकासनगर से विधायक नवप्रभात और बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी को सुबह राजभवन में आयोजित एक सादा समारोह में राज्यपाल डाॅ. कृष्णकांत पाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री रावत के अलावा उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी भी मौजूद थे।
पाक में साबरी के जनाजे में उमड़ा जन सैलाब, जनता का कलाकार हुआ रुखसत

पाक में साबरी के जनाजे में उमड़ा जन सैलाब, जनता का कलाकार हुआ रुखसत

पाकिस्‍तान में मशहूर कवाल और सूफी गायकार अमजद फरीद साबरी को अंतिम विदाई देने जन सैलाब उमड़ पड़ा। पाक में जहां एक तरफ साबरी को गोली मारने को कई लोग उचित बता रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके जनाजे में उमड़ी भीड़ पाक की कुछ अलग तस्‍वीर पेश कर रही है। विरोध का मसला कुछ भी हो लेकिन उनके जनाजे में आए लोगों का समूह यह तो साफ बता रहा है कि साबरी जनता के कलाकार थे।
16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्‍म कितना भी घातक हो, वक्‍त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।
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