आयकर विभाग अगले महीने से ‘प्रोजेक्ट इनसाइट’ के तहत बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण और सोशल साइटों पर मौजूद सूचनाओं को मिलाएगा जिससे किसी व्यक्ति के खर्च और घोषित आमदनी के बीच अंतर का पता लगाया जा सके।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 92,376 करोड़ रुपये का बकाया था।