सहारनपुर हिंसा यूपी सरकार के काबू में नहीं आ रही है। इसके पहले अखिलेश सरकार में मुजफ्फरनगर सुलगा था तो योगी सरकार में सहारनपुर। योगी सरकार, पूर्ववर्ती सरकार से कोई सबक लेती नहीं दिख रही है?
उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मोदी सरकार के तीन साल के जश्न का मजा किरकिरा कर सकती है। मोदी और योगी पर हमले के मुद्देे तलाश रहे विपक्ष को सहारनपुर हिंसा और ग्रेटर नोएडा में चार महिलाओं से गैंगरेप की घटना ने बड़ा मुद्दा दे दिया है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसक घटनाओं के मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। मोबाइल इंटरनेट, मैसेजिंग और सोशल मीडिया पर रोक लगाने के आदेश दे दिए हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
सहारनपुर में जतीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। उधर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी सहारनुपर हिंसा पर मौन धारण क्यों किए हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार को एक बार फिर से जमकर हिंसा हुई। मायावती की सभा से लौट रहे लोगों को दंगाइयों ने अपना निशाना बनाया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 9 लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में जातीय संगठनों के प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सहारनपुर में एक फिर हिंसा भड़कने पर भाजपा और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। रामगोपाल ने कहा कि सहारनपुर हिंसा भाजपा की राजनीति का दुष्परिणाम है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसक घटनाओं पर काबू पाने में नाकाम जिलाधिकारी एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को निलंबित कर दिया गया है। अब प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम होंगे। बबलू कुमार को एसएसपी का दायित्व दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बसपा की अध्यक्ष मायावती आज सहारनपुर के दौरे पर हैं। वे शब्बीरपुर में हुई हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रही हैं। बताया जा रहा है कि काफी लंबे समय के बाद मायावती इस तरह सड़क मार्ग से दौरा करते हुए जनता से मिल-जुल रही हैं।