Advertisement

Search Result : "Satya Prakash Mishra"

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

इस फिल्म का सीक्वेल देखने के बाद इच्छा होती है कि संविधान में संशोधन कर एक नियम डाला जाए कि पकाऊ सीक्वेल बनाने पर सजा का प्रावधान हो।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
खिड़कियां थिएटर उत्सव

खिड़कियां थिएटर उत्सव

मुंबई में खिड़कियां थिएटर उत्सव की धूम रहती है। रंगमंच के कलाकारों के साथ बॉलीवुड के सितारे में इसमें शामिल होना गर्व समझते हैं।
रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

सन 1951 में पहला काव्य संग्रह पथ के गीत का प्रकाशन। तब से निरंतर रचना कर्म में सक्रीय। आग की हंसी के लिए सन 2015 का साहित्य अकादमी सम्मान। कविता, उपन्यास, कहानी, ललित निबंध, आत्मकथा, आलोचना, यात्रावृत्तांत, डायरी, समीक्षा, संस्मरण आदि सभी विधाओं में लेखन। दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, व्यास सम्मान सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

सपनों की उम्र लघुकथा संग्रह। मीडिया का अंतर्पक्ष, संपादित पुस्तक। कहानी संग्रह दीनानाथ की चक्की शीघ्र प्रकाश्य। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से प्रकाशित पत्रिका बहुवचन के संपादक।
प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रकाश झा सन 2003 में आई अपनी ही फिल्म गंगाजल का सीक्वेल बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय शोहरत से फिल्म को मदद मिलेगी।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement