गौरी लंकेश ने अपनी कन्नड़ पत्रिका में आखिरी संपादकीय फेक न्यूज पर लिखा था और उसका टाइटल था- फेक न्यूज़ के जमाने में। सोशल मीडिया में भी वह काफी सक्रिय थीं। उन्होंने आखिरी बार ट्विटर में एक खबर को रीट्वीट किया था, जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में फैलाई जा रही फेक न्यूज की पड़ताल की गई थी।
आरएसएस के प्रवक्ता का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का कदम उठाया गया है। इससे पहले भी (पश्चिम बंगाल) सरकार ऐसा कर चुकी है। वे इस कदम की निंदा करते हैं।