पहले गेंदबाजों ने कमाल दिखाया तो बाद में विराट कोहली और युवराज सिंह ने विपरीत अंदाज में खूबसूरत पारियां खेली जिससे भारत ने मंगलवार को मीरपुर में श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर लगातार तीसरी जीत दर्ज करके एशिया कप ट्वेंटी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के लिए दूसरी बार पेश रेल बजट को पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि रेल बजट में नजरिया पेश करने का बयान होता है लेकिन इसमें तो रेल मंत्री मतिभ्रम वाला बयान दिया है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने बहुत हल्का बजट पेश करते हुए पूरी रेल व्यवस्था को ही पटरी से उतार दिया, इसमें कुछ नयापन नहीं था।
रेल बजट में बड़े पैमाने पर नई क्षमता के सृजन पर जोर दिये जाने और इसके लिए आवंटन बढा कर लगभग 1.25 लाख करोड़ रपये किये जाने की संभावना है। इनमें से बड़ा हिस्सा रेल बजट के इतर स्रोतों से जुटाए जाएंगे। रेल बजट 2015-16 गुरुवार 25 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा।
देश में चाहे जितना भी गदर मचा हो मगर कला की दुनिया कभी सरहद नहीं मानती। नई फिल्म रिदम के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के कलाकार भारत आए हैं और उन्हें यह देश भी अपने घर की तरह ही लगता है।
अक्षय कुमार असली ‘खिलाड़ी’ साबित हो रहे हैं। एयरलिफ्ट को मिला लें तो यह चौथी फिल्म है जिसने सौ करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। हाउसफुल, राउडी राठौड़, हॉलीडे ने सौ करोड़ रुपये कमाए थे।
अर्पण कुमार का यह उपन्यास दिल्ली की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। अर्पण कुमार मूलतः कवि हैं, यह लेखक का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में दिल्ली की अलग छवि सामने आएगी। दिल्ली को दूसरे नजरिये से देखा जाता है यह उपन्यास इस शहर को नई दृष्टि देगा।
स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।