बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान ने आज अपने 52वें जन्मदिन पर कहा कि वह राजनीति में कभी नहीं आएंगे, लेकिन जरूरी मुद्दों पर अपनी राय हमेशा रखते रहेंगे।
रेल मोर्च पर गुजरात को लेकर केंद्र की उदासीनता का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूरत में रेल मंत्री सुरेश प्रभु के गले में काला कपड़ा पहना दिया। पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा समर्थक बनकर प्रभु के पास पहुंच गए जिससे पुलिस चौंक गयी।
दागी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना करने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को यह विवादास्पद फैसला वापस लेने को बाध्य होना पड़ा है।
आलोचनाओं से घिरे दागी खेल प्रशासक सुरेश कलमाड़ी ने बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष का पद ठुकरा दिया जबकि खेल मंत्रालय ने आईओए को उसके विवादित फैसले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया।
सुरेश कलमाड़ी को आईओए में अध्यक्ष बनाए जाने पर खेलमंत्री एवं भाजपा नेता विजय गोयल की आपत्ति पर भाजपा के ही सांसद बृज भूषण सिंह ने ही सवाल उठा दिए हैं। सिंह ने आईएओ के फैसले का समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने गोयल का समर्थन करते हुए इस फैसले को खिलाड़ियों के भविष्य पर खतरा करार दिया।
राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों के दागी सुरेश कलमाड़ी को आज भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की वार्षिक आम सभा की बैठक में मानद आजीवन अध्यक्ष बनाया गया। एक अन्य दागी अधिकारी अभय सिंह चौटाला को भी आईओए का मानद आजीवन अध्यक्ष बनाया गया है।
केंद्र की मोदी सरकार और उसके सक्रिय रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवेे को फायदा नहीं पहुंचा पा रहे हैं। रेलवे को तरक्की पर लाना तो दूर की बात प्रभुु के कार्यकाल में रेलवे की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालेंंगे तो आपको आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंंगे। हाल ही में रेलवे में किराया भी बढ़ा है इसके बाद भी रेलवे को नुकसान हुआ है।
एक साल बाद भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी करने वाले बल्लेबाज सुरेश रैना वायरल बुखार के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे से बाहर हो गए। बीसीसीआई ने बयान जारी करके कहा, बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने पुष्टि की है कि वायरल बुखार से उबर रहे सुरेश रैना न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच से बाहर हो गए हैं।
देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के प्रयास के बीच आए एक शोध में कहा गया है कि ट्रेनों में बायोडाइजेस्टर शौचालय लगाने के जटिल कार्य की सफलता रेलवे को स्वच्छ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। गांंधी शांति प्रतिष्ठान द्वारा हाल में प्रकाशित किताब जल थल मल के अनुसार, रेल की पटरी पर शौच निस्तारण को लेकर न्यायालय अक्सर अधिकारियों को फटकार लगाता है। लेकिन समाज में फैली विषमताओं के चलते निकट भविष्य में हर किसी को शौचालय मुहैया होना नामुमकिन है।