अखबारों की छोटी सी खबर से आम जनता को पता चला कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस होता है। हिंदी के प्रति प्रतिबद्ध सरकार में केवल विदेश मंत्रालय ने एक आयोजन किया।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच रूकी हुई वार्ता प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के प्रयासों के बीच यह मुलाकात हुई है जिसका उदेश्य संबंधों को सुधारना है। नवाज शरीफ से स्वराज की मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि जल्द ही दोनों देशों के विदेश सचिव मुलाकात कर वार्ता प्रक्रिया का कार्यक्रम तय करेंगे।
इंडियन प्रीमियर लीग के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) सुंदर रमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जिससे बीसीसीआई में सत्ता परिवर्तन के बाद उनके भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी समाप्त हो गई।
शीतल पेय बनाने वाली कंपनी पेप्सिको ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को नोटिस भेजकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) प्रायोजन से हाथ खींचने की इच्छा व्यक्त की है। कंपनी का कहना है कि विवादास्पद स्पॉट फिक्सिंग के कारण इसकी खेल प्रतियोगिता की साख को बट्टा लगा है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने अपने नोटिस में इसी गिरती साख के कारण यह फैसला करने की इच्छा व्यक्त की है।
प्रख्यात कवि वीरेन डंगवाल का मुंह के कैंसर से निधन हो गया। उनकी याद में कवि-कहानीकार प्रियदर्शन की कलम भी रो पड़ी। उन्हीं के शब्दों में, ‘मुंबई के रास्ते था। तभी वीरेन डंगवाल के न रहने की खबर सुनी। मन खराब हो गया। भिंची हुई रुलाई जैसा कुछ। इसी में जैसे तैसे कुछ लिखा। यह श्रद्धांजलि नहीं है। पता नहीं क्या है।’ तीन भावनाएं आउटलुक के पाठकों के लिए।
हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
भारत, अमेरिका और जापान के बीच बुधवार विदेश मंत्री स्तर की पहली बैठक होगी जो एशिया प्रशांत क्षेत्र की तीन शक्तियों की गोलबंदी प्रतिबिंबित करती है जबकि अधिकारियों का कहना है कि इसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और जापानी विदेश मंत्री फुमियो किशीदा संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर मिलेंगे।
तीसरी दफा ऐसा हुआ है कि देश में लगातार दूसरे साल सूखा पड़ा। मराठवाड़ा, बुंदेलखंड, पूर्वी उत्तर-प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राजस्थान सूखे की मार झेल रहे हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश का ध्यान धरतीपुत्र की खराब हालत की ओर दिलाने के लिए स्वराज अभियान के बैनर तले कई संस्थाएं और बुद्धिजीवि लोग देश के सूखाग्रस्त इलाकों में एक यात्रा का आयोजन कर रहे हैं। इस यात्रा को संवेदन यात्रा का नाम दिया गया है।
अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी साम्राज्यवाद और राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी-मार्का हिंदुत्ववादी फासीवाद के मौजूदा वर्चस्व के दौर में वीरेन डंगवाल (1948-2015) की कविता किसी आत्मीय, जीवंत, वामपंथी प्रतिज्ञा की तरह सामने आती है।