मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुछ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कई को पद से हटाया। इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सारी प्रक्रिया से पीएम खुद बाहर दिखे।"
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने 9 नए मंत्रियों की चर्चा करते हुए कहा कि कैबिनेट विस्तार लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा किए गए वादों और गरीबी, बेरोजगारी, गंगा सफाई जैसी समस्याओं पर सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने का एक प्रयास है।
सीताराम येचुरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "सभी जानते हैं कि यह देश सिर्फ प्रधानमंत्री और पीएमओ के आदेश पर चल रहा है। इसलिए मंत्रिमंडल में कौन कहां बैठता है, इससे कोई नहीं पड़ता है।"
मंत्रिमंडल विस्तार पर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शिवसेना के नेता संजय राउत ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। संजय राउत ने कहा कि यह विस्तार एनडीए का नहीं हैं, बल्कि भाजपा का था।
रघुराम राजन ने अपनी किताब 'I Do What I Do: On Reforms Rhetoric and Resolve' में नोटबंदी से जुड़ी कई बातों का भी उल्लेख किया है। किताब में राजन ने लिखा है कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी आरबीआई ने नोटबंदी पर फैसला नहीं लिया था।