फिल्म 'आजाद हिन्द फौज' के तीन जांबाज अफसरों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा लगाए देशद्रोह के मुकदमे के आसपास घूमती हुई देशद्रोह और देशभक्ति को बहुत सरल शब्दों में परिभाषित करती है।
निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।
तीन सैनिक। एक हिंदू, एक मुसलमान और एक सिख। तीनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी के अफसर दूसरे विश्व युद्ध में सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी जॉइन कर लेते हैं। तीनों आजाद हिंद के लिए जापानियों के साथ मिलकर इम्फाल और बर्मा में जंग लड़ते हैं। जंग के बाद तीनों पर ब्रिटिश सरकार राजद्रोह और हत्या का मुकदमा चलाती है।
केन्द्र में अपने तीन साल पूरे करने जा रही भाजपा जहां जश्न की तैयारी में है, वहीं आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ ट्विटर वार छेड़ दिया है। आज सुबह से ही ट्विटर पर आप ने भाजपा को कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश की है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद पार्टी में मचे कोहराम से यह सवाल शिद्दत से खड़ा हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी बिखर जाएगी? क्या नई राजनीति की डाल उसके हाथ से छूट गई है? ऐसे सवालों पर अरविंद केजरीवाल के बाद आप के सबसे कद्दावर नेता, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फौरन कहते हैं, ‘‘टीवी बहस में तो हजारों बार दफन की जा चुकी है आप।’’ उन्हें पूरा भरोसा है कि आप जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी। आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह के साथ बातचीत में सिसोदिया ने विस्तार से पार्टी की हार के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रमुख अंश:
उनकी अदा में दम था, अदाकारी में दम था फिर ऐसा क्या कम था कि विनोद खन्ना सुपर सितारा का दर्जा हासिल नहीं कर पाए। एक अच्छा अभिनेता क्या इसलिए संन्यासी हो गया या फिर संन्यासी होना इसके स्वभाव में था जो सब त्याग कर अपने करिअर की ऊंचाईयों को छोड़ कर आश्रम चल दिया।