Advertisement

Search Result : "Whats The Centre Planning Now"

सचिन को ब्रांड एम्बेसेडर बनाये जाने पर सिसोदिया ने केंद्र की आलोचना की

सचिन को ब्रांड एम्बेसेडर बनाये जाने पर सिसोदिया ने केंद्र की आलोचना की

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि रोजगार बाजार में जो लाखों युवा आ रहे हैं, उन्हें बाजार के लिहाज से पूरी तरह से उपयुक्त बनाने के लिये मन:स्थिति में पूर्ण रूप से बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कौशल भारत अभियान के लिये सचिन तेंदुलकर को ब्रांड एम्बेसेडर बनाए जाने तथा कौशल प्रशिक्षण में केवल बढ़ई जैसी चीजों को रेखांकित किये जाने को लेकर केंद्र की आलोचना भी की।
सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी जम्मू कश्मीर सरकार

सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी जम्मू कश्मीर सरकार

केंद्र द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार 1960 की इस संधि पर जो भी फैसला करेगी, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा।
एक साथ तीन तलाक का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी सरकार

एक साथ तीन तलाक का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी सरकार

केंद्र सरकार महिला अधिकारों के आधार पर एक साथ तीन तलाक की व्यवस्था का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी और इस बात पर जोर देगी कि इस मुद्दे को समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

टाइम्‍स नाउ में मंगलवार को प्रसारित हुए अर्नब गोस्‍वामी के शो में कश्मीर पर वार्ता में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करने को लेकर परिचर्चा की गई। इस शो में संपादक अर्नब गोस्‍वामी के मीडिया के प्रति नकारात्‍मक रवैये को लेकर एनडीटीवी की बरखा दत्‍त ने उन पर हमला बोला है।
ममता का शक्ति प्रदर्शन, केन्द्र को कोसा, कांग्रेस- माकपा में सेंध लगाई

ममता का शक्ति प्रदर्शन, केन्द्र को कोसा, कांग्रेस- माकपा में सेंध लगाई

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता की सड़कों पर राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर केंद्र की भाजपा नीत सरकार को जमकर कोसा। बंगाल में कांग्रेस और वाममोर्चा के विधायकों समेत कई नेताओं को तोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया।
चिंताजनक है कश्मीर के हालात

चिंताजनक है कश्मीर के हालात

मिलिटेंट बुरहान वानी की मौत के बात जिस तरह से लोगों का हुजूम उमड़ा, लोगों में जिस तरह का आक्रोश फूटा है उससे आने वाले दिन चिंताजनक है
अमिताभ बच्चन बन सकते हैं स्वच्छ भारत अभियान का चेहरा

अमिताभ बच्चन बन सकते हैं स्वच्छ भारत अभियान का चेहरा

अतुल्य भारत का हिस्सा नहीं बन सके बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार स्वच्छ भारत अभियान का चेहरा बना सकती है।
वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

अभी टाइम्‍स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्‍त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्‍यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्‍ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्‍यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement