प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंंबर को नीति आयोग की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेंगे और आर्थिक वृद्धि को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे। नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी के बीच यह बैठक हो रही है।
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि मौजूदा सरकार की विमुद्रीकरण की नीति एक क्रांति है, जिससे निसंदेह देश तरक्की करेगा। कांत के अनुसार विमुद्रीकरण के बाद देश के बैंकों में डिपोजिट बढ़ेगी जिससे काफी सारे लाभ होंगे। मसलन ब्याज दरों में कमी आएगी। बाजार के तंत्र में भ्रष्टाचार कम होगा। आयकर स्लैब में कमी आएगी। कांत ने कहा कि विमुद्रीकरण से पहले 86 फीसदी धन का लेन देन कैश में हाेेता था। जिसमें भ्रष्टाचार और लीकेज की आशंका अधिक थी। विमुद्रीकरण के बाद इनमें कमी आएगी। ई कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में धन का लेन देन पारदर्शी बन सकेगा।
आर्थिक विकास को रफ्तार देने और भारत को तेजी से बदलने के लिए कानून में बदलाव करने, गैरजरूरी प्रक्रिया को खत्म करने और मात्र वृद्धिशील प्रगति से आगे सोचने की जरूरत बताई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। नीति आयोग में `ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया` शीर्षक से आयोजित लेक्चर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, `अगर भारत को बदलाव के लिए चुनौतियों का सामना करना है, तो सिर्फ वृद्धिशील प्रगति ही काफी नहीं है। आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। इसलिए मेरा विजन तेजी से बदलाव का है, क्रम विकास का नहीं।`
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के तीव्र परिवर्तन के बारे में विचार प्रकट करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके लिए देश को कानूनों में बदलाव, अनावश्यक औपचारिकताओं को समाप्त करने और प्रक्रियाओं को तीव्र करने की आवश्यकता है क्यों कि केवल रत्ती-रत्ती प्रगति से काम नहीं चलेगा। मोदी ने नीति आयोग की ओर से यहां आयोजित भारत परिवर्तन विषय पर पहला व्याख्यान देते हुए कहा कि यदि भारत को परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना है तो केवल थोड़ा-थोड़ा आगे बढने से काम नहीं चलेगा। आवश्यकता कायाकल्प की है। इसलिए देश के संबंध में मेरा विचार है कि यहां तीव्र परिवर्तन होने चाहिए।
सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
नीति आयोग ने कहा है कि रेल बजट को अलग से पेश करने की बजाए उसे आम बजट के साथ ही पेश करना चाहिए। अगर इस सिफारिश को मान लिया गया तो सुरेश प्रभु संसद में रेल बजट पेश करने वाले आखिरी रेल मंत्री साबित होंगे। नीति आयोग ने मोदी सरकार से सिफारिश की है कि रेल बजट को अलग से पेश करना समय और पैसे की बर्बादी है। इसलिए इसे आम बजट के साथ ही पेश किया जाना चाहिए।
भारत को जल्द ही हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की सौगात मिल सकती है। नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की अगुवाई वाला एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को टोक्यो में जापान के अधिकारियों से मुलाकात करेगा।
मानसून पूर्व नीति आयोग की राजनीति से लोकसभा के मानूसन सत्र और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर घनघोर काली घटाएं मंडराने लगी हैं। मतलब लोकसभा में गर्जन-तर्जन होगा, बिजली कड़केगी, विपक्ष की बौछार तेज पड़ेे और संसद बाधित होती। 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र से पहले नीति आयोग की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।